रायपुर। राजधानी रायपुर में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पक्ष में रैली निकालने वालों से सिख समाज ने खुद को अलग बताया है। सिख समाज ने रैली निकालने वालों के खिलाफ कड़ी निंदा करते हुए एक प्रेसनोट जारी कर लिखा हैं कि ”सिख समाज सेवा और परिश्रम में विश्वास रखने वाला समाज है। छत्तीसगढ़ का सिख समाज भी भारत के संविधान में पूरी आस्था रखता है। छत्तीसगढ़ के विकास एवं निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दे रहा है। खालिस्तान की मांग करने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति को सिख समाज समर्थन नहीं करता है। इस तरह के मांग की कड़ी निंदा करता है। सिख समाज प्रदेश के भाईचारा और साम्प्रदायिक एकता में पूरी आस्था रखता है।”

सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा में कहा कि कल की घटना में बिना सूचना दिए 35-40 लोग जुलूस लेकर निकले, सिख समाज के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। जो देश विरोधी गतिविधि में संलिप्त होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। इधर रायपुर पुलिस ने भी रैली में शामिल सभी लोगों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। जवाब के बाद पुलिस इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेगी।

जानिए क्या है मामला

दरअसल, राजधानी में बुधवार 22 मार्च को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में रैली निकाली गई थी। रैली में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पक्ष में नारेबाजी करते हुए पंजाब सरकार का पुतला भी फूंका गया था। रैली में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सहित युवा शामिल हुए। रैली तेलीबांधा और टाटीबंध से निकाली गई थी। इस दौरान समर्थकों ने मीडिया से कहा था कि अमृतपाल सिंह को पंजाब सरकार ज़बरदस्ती फंसा रही है। अमृतपाल ने पंजाब में नशे के खिलाफ अभियान छेड़ा था।

पंजाब सरकार नशे का व्यापार करने वालों के सपोर्ट में है। इसलिए अमृतपाल को फंसाया जा रहा है। यही कारण है कि उन्हें भगोड़ा और आतंकवादी भी कहा जा रहा है। मालूम हो कि, अमृतपाल सिंघ वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। अमृतपाल पर खालिस्तान को समर्थन करने का आरोप है। अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ 23 फरवरी को अजनाला थाने पर कब्जा कर हथियारों के दम पर अपने एक साथी लवप्रीत सिंह को छुड़ाकर ले जाने का आरोप है। इस घटना में 6 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट लगी थी।

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