रहस्यमयी पहाड़ का रहस्य: जहां जाकर लौटे लोग कभी नहीं खोलते मुंह!

बरसात में भी नहीं बहता पानी, कालेश्वर बाबा का चमत्कारी स्थान

छतरपुर (मध्य प्रदेश) – गौरिहार जनपद के प्रकाश बम्होरी गांव में एक ऐसा रहस्यमयी पहाड़ स्थित है, जो अपने चमत्कारों और रहस्यों के लिए पूरे इलाके में प्रसिद्ध है। इस पहाड़ को लेकर गांव में सदियों पुरानी मान्यताएं प्रचलित हैं, जिन्हें जानकर आप भी चौंक जाएंगे।

चमत्कारी पहाड़, जहां विराजमान हैं भगवान कालेश्वर बाबा

90 वर्षीय रामदास गौतम ने बताया कि इस पहाड़ पर भगवान कालेश्वर बाबा महाराज का पवित्र स्थान है। गांववालों का मानना है कि इसी स्थान की दिव्य शक्ति के कारण कोई भी इस पहाड़ की लकड़ियों को काटने की हिम्मत नहीं करता। यहां तक कि जब मूसलधार बारिश होती है, तब भी इस पहाड़ से एक बूंद पानी नहीं बहती, बल्कि सारा पानी कहीं समाहित हो जाता है

गुफाएं, जंगली जानवर और तपस्वियों की साधना

गांव वालों के अनुसार, पहाड़ के शिखर पर गहरी गुफाएं, तालाब और जंगली जानवर मौजूद हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओं में आज भी कुछ तपस्वी साधना कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई देख नहीं सकता। ग्रामीणों का दावा है कि यहां पहुँचना बेहद कठिन है, और जो भी वहां गया, उसने यदि कुछ बताया, तो उसके साथ अनहोनी हो गई

जो राज़ खोलेगा, उसका विनाश निश्चित है!

मान्यता है कि पहाड़ पर जाने वाले व्यक्ति को वहां का कोई भी रहस्य उजागर नहीं करना चाहिए। अगर किसी ने ऐसा किया, तो उसके साथ दुर्घटना या अनहोनी होना तय है। केवल भगवान कालेश्वर के दर्शन तक ही लोग सीमित रहते हैं, उसके आगे जाना निषिद्ध माना जाता है।

जानबूझकर नुकसान पहुँचाने पर होता है सर्वनाश

ग्रामीणों का विश्वास है कि यदि कोई व्यक्ति इस पहाड़ को जानबूझकर नुकसान पहुँचाता है, तो उसे कालेश्वर बाबा का प्रकोप झेलना पड़ता है। हालांकि, अगर कोई अनजाने में गलती करता है, तो भगवान उसे क्षमा कर देते हैं।

इस पहाड़ से जुड़े मुख्य रहस्य:

  • पहाड़ पर पानी नहीं ठहरता, न ही बहता है

  • रहस्यमयी गुफाएं और दिखने वाले नहीं होते साधु-संत

  • बताने वाले पर आती है विपत्ति

  • कालेश्वर बाबा का अद्भुत स्थान

  • जानबूझकर नुकसान करने वाले का होता है अंत

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