
छत्तीसगढ़ में अवैध पाकिस्तानी सट्टेबाजों ने अब राज्य के सट्टा नेटवर्क को सीधे विदेशों से जोड़ दिया है। आईपीएल सीजन आते ही इनका नेटवर्क और तेज़ हो जाता है। आधुनिक एप्स के जरिए करोड़ों की सट्टेबाजी हो रही है, जिससे राज्य की छवि को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
आईपीएस अधिकारी संग फोटो वायरल, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं!

हाल ही में एक सटोरी की तस्वीर एक आईपीएस अफसर के साथ वायरल हुई, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे सटोरियों के हौसले और बुलंद हो गए हैं और वे खुलेआम “प्रोटेक्शन मनी दो, और सट्टा चलाओ” की नीति पर काम कर रहे हैं।
सट्टा किंग बने रिफ्यूजी, करोड़ों की संपत्ति के मालिक
1971 में तिल्दा व चकरभाठा में बसे पाकिस्तानी शरणार्थी अब सट्टा किंग बन चुके हैं। पहले मजदूरी करने वाले आज 500 से 1000 करोड़ की सट्टेबाज़ी के ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ये लोग देश-विदेश में बुकी नेटवर्क चला रहे हैं।
राजनीतिक संरक्षण और पुलिस की मिलीभगत से बढ़ा धंधा
इन अवैध सटोरियों को कई छुटभैया और बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। बताया जाता है कि कांग्रेस के कई पार्षद खुद सट्टे के एप चला रहे हैं, जिनके नाम “गणपति बुक”, “गजानन बुक” और “महादेव बुक” हैं।
तिल्दा बना सट्टे का इंटरनेशनल हब
तिल्दा और खरोरा जैसे इलाकों में सट्टा का खेल खुलकर चल रहा है। 2016 में जहां सिर्फ 4-5 खाईवाल थे, अब वही क्षेत्र 16 बड़े अंतरराष्ट्रीय बुकी का अड्डा बन गया है। यहां से बाम्बे, नागपुर और दुबई तक के बुकी जुड़े हुए हैं।
खाकी चुप या बंधी हुई?
पुलिस विभाग या तो मजबूर है या फिर एहसान में दबा हुआ, क्योंकि कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। सटोरियों ने मटका किंग खत्री तक को पीछे छोड़ दिया है और अब पूरे प्रदेश में दहशत के साथ बुकिंग कर रहे हैं।
