300 साल से बंद था रहस्यमयी कमरा! खुदाई में मिला इतिहास का चौंकाने वाला सच...

यूक्रेन। इतिहास के पन्नों में आज भी कई ऐसे रहस्य छिपे हैं, जो समय-समय पर सामने आकर दुनिया को हैरान कर देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ पश्चिमी यूक्रेन के गैलिशियन किले में, जहां जमीन की खुदाई के दौरान 300 साल से बंद एक सीक्रेट कमरा मिला है। इस खोज ने ना केवल इतिहासकारों को चौंकाया है, बल्कि पुरातत्व जगत में भी हलचल मचा दी है।

पुरातत्व विभाग को खुदाई में मिली ऐतिहासिक सफलता

यूक्रेन की नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज की टीम ने हलिक शहर में स्थित गैलिशियन किले के खंडहरों में खुदाई के दौरान एक वेंटिलेशन शाफ्ट (हवादार नली) को देखा, जो बेहद संकरी थी। टीम ने मशीनों का इस्तेमाल न करते हुए, हाथों से 5,200 क्यूबिक फीट मलबा हटाया और आखिरकार वे एक रहस्यमय गुप्त कक्ष तक पहुंच गए।

कैसमेट या हथियारगृह? दीवारों पर मिले बारूद के धुएं के निशान

कक्ष की दीवारों पर काले धब्बे मिले हैं, जो तोपों के धुएं से बने हो सकते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह एक “कैसमेट” हो सकता है — यानी एक मजबूत कमरा जहाँ से हथियार रखे या तोप चलाई जाती थी। साथ ही, वेंटिलेशन नली भी इस सिद्धांत को मज़बूत करती है।

गैलिशियन किले का गौरवशाली और रहस्यमयी इतिहास

यह किला पहले लकड़ी का बना था, जिसे 14वीं सदी में राजा कासिमिर III ने पक्का करवाया और 17वीं सदी में आर्किटेक्ट फ्रांसिस्को कोरात्सिनी ने इसका नवीनीकरण किया। लेकिन 1676 के तुर्की-पोलिश युद्ध में जबरदस्त तोपों से हमला हुआ, जिससे किला क्षतिग्रस्त हुआ और यह गुप्त कमरा दबकर इतिहास में खो गया।

क्या इस कक्ष से जुड़े हैं और भी रहस्य?

दीवार में मिला एक छोटा गैप यह संकेत देता है कि यह सीक्रेट चैंबर किले के अंदर छिपे अन्य भूमिगत रास्तों से जुड़ा हो सकता है। हलिक शहर की लोककथाओं में पहले से ही ऐसी सुरंगों की कहानियां मौजूद थीं — और अब यह खोज उन किंवदंतियों को सच साबित करती है।

शोध जारी: इतिहास के और राज़ खुलने की उम्मीद

एन्सिएंट गैलिच नेशनल रिज़र्व के निदेशक व्लादिमीर ओलेनिक ने बताया कि अब उस कक्ष में मिले कलाकृतियों और दीवार संरचनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है। यह खोज आने वाले समय में गैलिशियन किले के रणनीतिक महत्व और उससे जुड़े छिपे रहस्यों पर नई रोशनी डाल सकती है।

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