Kea Parrot: कीआ तोता को दुनिया के सबसे बुद्धिमान पक्षियों में से एक माना जाता है, जिसे बंदर-चिंपैंजी से भी अधिक चतुर बताया जाता है. यह दुनिया का एकमात्र अल्पाइन तोता (Alpine Parrot) है, जो न्यूजीलैंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. कीआ तोते सर्वाहारी होते हैं, पौधे और जानवर दोनों खाते हैं. अब इसी तोते की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं. तेज दिमाग होने के बावजूद यह पक्षी ‘पहाड़ों का जोकर’ कहलाता है, आइए जानते हैं क्यों.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इस तोते की तस्वीर @gunsnrosesgirl3 नाम की यूजर नेे पोस्ट किया है, जिसके कैप्शन में बताया गया है कि, ‘अविश्वसनीय कीआ तोता न्यूजीलैंड के जंगली और अल्पाइन क्षेत्रों में पाया जाता है.’ तस्वीर में आप भी पंख फैलाए उड़ते कीआ तोते को देख सकते हैं. यह पक्षी आकार में बड़ा और जैतून हरा रंग का तोता है, जिसकी चोंच पैनी, धुमावदार और ग्रे कलर की होती है.
यहां देखें– Kea Parrot Twitter Viral Photo
इसलिए अनोखा होता है ये पक्षी
यहां देखें– Kea Parrot Twitter Viral Video
कीआ तोते के बारे में कई ऐसी बातें हैं, जो इसे एक अनोखा पक्षी बनाती हैं. earthlife.net की रिपोर्ट के अनुसार, यह अद्भुत पक्षी है, जो अपनी इंटेलिजेंस के लिए जाना जाता है. इसकी स्मार्टनेस को पक्षियों के अलग-अलग इंटेलिटेंस टेस्ट्स पर चैक किया गया है. ऐसा कहा जाता है कि इसके पास 4 साल के बच्चे से ज्यादा प्रोब्लम सॉल्विंग स्किल होता है!
यहां देखें– Kea Parrot Twitter Viral Video
इन्हें अक्सर कूड़ेदान के ढक्कन हटाकर, स्लाइडिंग दरवाजे खोलकर या अन्य जगहों से खाना उठाते हुए देखा जाता है. कीआ तोता काफी बुद्धिमान होते हैं. उनके पास चिंपैंजी से तेज दिमाग होता है, जिन्हें अत्यधिक जिज्ञासु होने और लोगों के प्रति आकर्षित होने के लिए जाना जाता है.
firstlighttravel.com की रिपोर्ट में लिखा गया है कि वियना की इंस्टीट्यूट ऑफ कॉग्निटिव बायोलॉजी ने कीआ को दुनिया का सबसे बुद्धिमान पक्षी कहा है, जिसकी बुद्धि बंदर से प्रतिस्पर्धा करती है. उसके पास एक औसत बंदर से तेज दिमाग होता है. कीआ तोते की आवाज गजब की होती है. इन्हें अक्सर ‘की-आआ!’ तेज आवाज निकालते हुए सुना जाता है. यही वजह है कि इसका नाम कीआ रखा गया है.
क्यों कहलाता है पहाड़ों का जोकर?
कीआ पक्षी कठोर वातावरण में भी जिंदा रह सकता है, ये उन जगहों में पनपते हैं, जहां अन्य जीव जीवित नहीं रह सकते हैं. इसकी लंबाई उसके सिर के शीर्ष से लेकर पूंछ के पंखों की नोक तक लगभग 48 सेंटीमीटर (लगभग 19 इंच) तक हो सकती है. यह अपने चंचल और शरारती व्यवहार के कारण ‘पहाड़ों का जोकर’ कहलाता है. साथ ही इसे ‘आल्प्स का जोकर’ भी कहा जाता है.