रायपुर / किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित राज्य बाल संरक्षण समिति की कार्यकारिणी एवं राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पदेन अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण समिति श्रीमती शम्मी आबिदी की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुई।
सचिव महिला एवं बाल विकास द्वारा बैठक में बाल संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर एवं विभिन्न विभागों के साथ समन्वय पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती तुलिका प्रजापति एवं अन्य सहयोगी विभागों गृह विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वित्त विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण, रेलवे एवं एनआईसी आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सर्वाेच्च न्यायालय में विभिन्न महत्वपूर्ण प्रकरणों में समयबद्ध कार्यवाही हेतु रणनीति, बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान एवं मिशन वात्सल्य के तहत की गई गतिविधियों व कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में मुख्य सचिव द्वारा भी विधि विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा गृह विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली गई थी।
बैठक में सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश एवं मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशानुसार सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राज्य बाल संरक्षण समिति की बैठक में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण नियम-2020 एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 यथासंशोधित अधिनियम-2021 तथा नियम 2016 यथासंशोधित नियम-2022 के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
अधिनियम और नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस संबंध में गृह विभाग को सभी जिलों में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 की धारा 19 (6) का पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश प्रसारित करने, पीड़ित को क्षतिपूर्ति योजना के अंतर्गत मुआवजा दिलाने हेतु पर्याप्त राशि बजट उपलब्ध कराने एवं पीड़ितांे को शीघ्र क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने, शिक्षा विभाग द्वारा पीड़ित बालक/बालिकाओं की शिक्षा की निरंतरता बनाये रखने के लिए आवश्यक प्रयास करने और कौशल प्रशिक्षण हेतु कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई से समन्वय कर संबंधितों को रोजगार मूलक प्रशिक्षण देने निर्देशित किया गया।
भारत शासन के निर्देशानुसार राज्य के 20 जिलें जहां विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित नहीं थे, उन जिलों में जिला प्रशासन को बच्चों की क्षमता की विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसी संचालित करने की स्वीकृति एवं प्रावधिक पंजीयन कर संचालन की जानकारी दी गई। इसी तरह से उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में विभाग द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं की निगरानी एवं अनुश्रवण हेतु राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति, जिला स्तरीय निरीक्षण समिति के साथ-साथ समितियों में नामांकित सिविल सोसाईटी के प्रख्यात व्यक्तियों को विजिटर के रूप में नामांकित किये जाने की जानकारी दी गई। सचिव द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदनों पर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए है।
महिला बाल विकास सचिव ने योजनाओं का नियमित अनुश्रवण करने, हितलाभ समय-सीमा में पीड़ितों को प्राप्त हो सके, इसके लिए तंत्र विकसित करने के निर्देश दिये गये। पॉक्सो अधिनियम एवं किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समस्त बाल कल्याण समितियों को दोनो अधिनियमों की प्रासंगिक धाराओं एवं प्रावधानों के अनुरूप त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करने के निर्देश दिये है।
छत्तीसगढ़ राज्य को बाल विवाह मुक्त करने हेतु 10 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारंभ किया गया। बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिये विभिन्न विभागों के साथ चर्चा कर रणनीति तैयार की गई है तथा इसे सभी संबंधित विभागों एवं समस्त जिला कलेक्टर को प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना है। राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 161 तथा वर्ष 2024-25 में 167 बाल विवाह रोके गये।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ग्राम पंचायत स्तर तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के संबंध में समिति को अवगत कराया गया। सचिव द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को शीघ्र सहमति देने तथा सभी विभागों को बाल विवाह की रोकथाम के लिए राज्य स्तर से अधीनस्थ अमलों के लिए निर्देश जारी करने एवं शालाओं में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री के छात्रों की विशेष काउंसलिंग के निर्देश दिये गए हैं।
समिति की बैठक में राज्य बाल संरक्षण समिति अंतर्गत ऑडिट रिपोर्ट 2023-24 व लेखाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिस पर समिति द्वारा अनुमोदन दिया गया। उपस्थित सदस्यों को राज्य में बाल संरक्षण व बच्चों के सर्वोंत्तम हित में किए जा रहे कार्यों तथा प्रयासों की जानकारी दी गई। सभी सहयोगी विभागों से सहयोग एवं समन्वय के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।