क्या आप जानते हैं कि जिस दुनिया में हम रहते हैं वह कहां खत्म होती है? इस रिपोर्ट में हम आपको दुनिया के आखिरी देश के बारे में बताएंगे, जहां पृथ्वी खत्म हो जाती है. इसी देश में वो आखिरी सड़क भी है, जिसके आगे सिर्फ पानी ही पानी है.
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घूमने-फिरने के शौकीन लोग अक्सर नई-नई जगहें तलाशते रहते हैं. उनका जुनून उन्हें वैसी जगहों पर ले जाता है, जिसे पहले कभी नहीं देखा हो. दुनिया में एक से बढ़कर एक सबसे बेहतर देश हैं. हमारे देश भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जहां शायद ही कोई गया हो.
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खैर, यह सब तो आपके घूमने-फिरने के बारे में है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया कहां समाप्त होती है? आप जिस दुनिया में रहते हैं उसका अंत कहां होता है? हम जानते हैं कि अब आप इस सवाल का जवाब पाने के लिए उत्सुक हैं और इंटरनेट पर इसका जवाब ढूंढने की सोच रहे हैं, तो रुकिए, हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.
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पृथ्वी के बारे में ऐसी कई बातें हैं, जिनसे लोग अनजान हैं. पृथ्वी के दो छोर हैं- दक्षिणी ध्रुव और उत्तरी ध्रुव, जिनके बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का आखिरी देश कौन सा है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं.
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ऐसा कहा जाता है कि यूरोप में नॉर्वे दुनिया का आखिरी देश है, जहां धरती खत्म हो जाती है. नॉर्वे में एक ऐसी सड़क है, जिसे दुनिया की आखिरी सड़क माना जाता है. इसे अंग्रेजी में लास्ट रोड ऑफ द वर्ल्ड भी कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस सड़क के बाद धरती नहीं, बल्कि सिर्फ पानी ही पानी है.
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दुनिया की आखिरी सड़क कही जाने वाली नॉर्वे की इस सड़क का नाम E-69 हाईवे है. जैसा कि कई शोधों में दावा किया गया है कि इस सड़क के पार कुछ भी नहीं है. E-69 राजमार्ग के समाप्त होने के बाद, केवल ग्लेशियर और समुद्र दिखाई देते हैं. इसके अलावा आगे देखने लायक और कुछ नहीं है. जहां तक E69 राजमार्ग की लंबाई की बात है, यह 14 किलोमीटर लंबी सड़क है, जो अक्सर बर्फ की मोटी चादर से ढकी रहती है. ऐसा माना जाता है कि इस हाईवे पर कई ऐसी जगहें हैं, जहां अकेले चलना और गाड़ी चलाना मना है.
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बता दें कि नॉर्वे उत्तरी ध्रुव के पास स्थित है, जहां पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है. नॉर्वे की ठंडी जलवायु और अनोखा प्राकृतिक वातावरण इसे खास बनाता है. यहां 6 महीने के दिन और 6 महीने की रात होती है. सर्दियों में यहां सूरज दिखता ही नहीं, जबकि गर्मियों में यहां सूरज कभी डूबता ही नहीं. यानी गर्मियों में यहां रात नहीं होती. यह भी कहा जाता है कि उत्तरी नॉर्वेजियन शहर हैमरफेस्ट में सूरज केवल 40 मिनट के लिए डूबता है, इसलिए इस शहर को मध्यरात्रि सूर्य की भूमि के रूप में भी जाना जाता है.