Wheat Production: खराब मौसम के कारण देश के कुछ हिस्सों में अनाज की गुणवत्ता प्रभावित होने के बावजूद प्रमुख उत्पादक राज्यों में फसल की पैदावार में संभावित उछाल की वजह से फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में भारत का गेहूं उत्पादन सरकार के रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन के अनुमान को पार कर सकता है. कृषि आयुक्त पी के सिंह ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है. बेमौसम बारिश से हफ्तों पहले, सरकार ने फरवरी में जारी अपने दूसरे अनुमान में फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 21.8 लाख टन होने की संभावना जतायी थी.

पिछला रिकॉर्ड 95.9 लाख टन –

गेहूं उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड फसल वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 95.9 लाख टन था. सिंह ने कहा, ‘‘फसल की बेहतर पैदावार के कारण कुल मिलाकर गेहूं का उत्पादन 11.21 करोड़ टन के अनुमान को पार कर जाने की संभावना है.’’

यूपी, पंजाब और हरियाणा पैदावार में हुआ सुधार –

उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल की पैदावार में सुधार हुआ है, हालांकि मार्च-अप्रैल की अवधि में कटाई के चरण के दौरान बेमौसम बारिश से अनाज की चमक में कमी और अनाज में नमी की अधिकता के कारण नुकसान हुआ है. सिंह ने कहा कि जलवायु अनुकूल गेहूं की किस्मों के कारण पैदावार में सुधार हुआ है. इन किस्मों को सरकार पिछले पांच वर्षों में बढ़ावा दे रही है.

कई राज्यों में फसल को हुआ नुकसान –

उन्होंने कहा कि हालांकि बेमौसम बारिश ने गेहूं उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्सों में फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे गुणवत्ता में कमी आई है, बारिश ने उन क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ने की संभावनाओं को बढ़ा दिया है जहां देर से बोई जाने वाली किस्मों को लगाया गया था.

कई राज्यों में घटा उत्पादन –

कुछ राज्यों में गर्मी की लू के कारण पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रहा था. फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में 343.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था. देश के खाद्य सुरक्षा उद्देश्य के लिए, सरकार ने चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अब तक सीधे किसानों से 2.52 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है.

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