जहरीली झील में डूबा पूरा गांव! आज भी दिखती है गेमाना की आखिरी निशानी...

दुनिया का “श्रापित गांव” – गेमाना

दुनिया में कई गांव और शहर ऐसे हैं, जिनकी कहानियां सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रोमानिया के अपुसेनी पहाड़ों में बसा गेमाना गांव (Geamana Village, Romania) भी ऐसी ही एक डरावनी और दुखद दास्तां समेटे हुए है। यह गांव आज भी “श्रापित गांव” (Cursed Village) के नाम से जाना जाता है।

1977 का सरकारी फैसला और गांव का अंत

साल 1977 में रोमानिया के कम्युनिस्ट तानाशाह निकोलाई सेउसेस्कु (Nicolae Ceausescu) ने यहां तांबे के विशाल भंडार की माइनिंग शुरू करने का आदेश दिया। खनन से निकलने वाले जहरीले कचरे को जमा करने के लिए एक कृत्रिम झील बनाई गई और इसके लिए चुना गया गेमाना गांव।
सरकार ने गांव के 400 परिवारों को जबरन घर और जमीन छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उनकी जिंदगी भर की मेहनत, सपने और यादें—all कुछ समय में ही जहरीले पानी के नीचे दफन हो गईं।

साइनाइड और जहरीला कचरा

जैसे-जैसे तांबे की खदान से जहरीला कचरा, जिसमें साइनाइड और खतरनाक रसायन शामिल थे, झील में डाला गया—वैसे-वैसे झील का पानी बढ़ता गया। पूरा गांव धीरे-धीरे डूब गया।
जो जगह कभी हरियाली और खूबसूरती से भरी थी, आज वह एक जहरीली झील में बदल चुकी है। पानी का रंग भी खतरनाक रूप से बदल चुका है।

आज भी खड़ी है एक आखिरी निशानी

लगभग 50 साल बाद भी गेमाना गांव का नाम मिटा नहीं है। उस झील के बीच आज भी एक चर्च की मीनार पानी के ऊपर से झांकती हुई दिखाई देती है। यही इस गांव की आखिरी गवाही है।
यह मीनार लोगों को याद दिलाती है कि कैसे लालच और गलत फैसलों ने एक पूरे गांव को हमेशा के लिए मिटा दिया।

गेमाना की सीख

गेमाना की कहानी इंसानियत को यह संदेश देती है कि प्राकृतिक संसाधनों के लालच और बेदरकार फैसले सिर्फ गांव ही नहीं, बल्कि पूरी सभ्यता को खत्म कर सकते हैं। यह गांव एक चेतावनी है, जो आज भी जहरीले पानी के बीच खामोश खड़ा है।

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