नकली उत्पादों का साम्राज्य: जीएसटी और कस्टम चोरी से देश को अरबों का नुकसान

नेपाल से रायपुर तक फैला नकली उत्पादों का नेटवर्क

नेपाल, बिहार और दिल्ली से जुड़ा नकली उत्पादों का नेटवर्क अब छत्तीसगढ़ के हर जिले तक पहुंच चुका है। रायपुर में लगातार छापेमारी के बाद अब रायगढ़ और अंबिकापुर जैसे इलाकों में माल उतारकर सड़क मार्ग से राजधानी तक सप्लाई की जा रही है।
नेपाल से आने वाले उत्पादों को लोग “असली माल” समझकर खरीदते हैं, लेकिन यही सामान जनता के स्वास्थ्य के लिए धीमा जहर बन रहे हैं।

जीएसटी चोरी और ब्रांडेड कंपनियों की नकल से करोड़ों की कमाई

कारोबारियों ने अब जीएसटी चोरी का नया तरीका खोज लिया है। ये लोग ब्रांडेड कंपनियों के मिलते-जुलते नामों पर नकली उत्पाद बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
दिल्ली, वजीराबाद और जाफराबाद जैसे इलाकों में फैक्ट्रियां दिन-रात नकली कॉस्मेटिक, दवाएं, FMCG और इलेक्ट्रॉनिक सामान बना रही हैं।

स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही नकली वस्तुएं

डॉक्टरों की मानें तो नकली खाद्य पदार्थ और दवाएं गंभीर बीमारियों की जड़ हैं।
इनसे होने वाले खतरे:

  • गैस, एसिडिटी, पीलिया

  • ब्लड प्रेशर, कैंसर

  • दिल का दौरा और फेफड़ों की समस्या

फूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग और नगर प्रशासन की उदासीनता ने इस संकट को और बढ़ा दिया है।

भाटापारा-बिलासपुर: नकली उत्पादों का गढ़

छत्तीसगढ़ के रायपुर, तिल्दा, भाटापारा, बिलासपुर, चकरभाठा, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़ और धमतरी में छोटे-बड़े स्तर पर नकली सामान तैयार हो रहे हैं।
कई जगह तो यह काम कुटीर उद्योग की तरह हो रहा है, जहां ब्रांडेड कंपनियों के हूबहू पैकिंग वाले नकली प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं।

प्रशासन की निष्क्रियता और छुटभैये नेताओं का संरक्षण

नकली उत्पादों का यह कारोबार राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहा है। स्थानीय छुटभैये नेता और रसूखदार लोग इन फैक्ट्रियों की ढाल बन चुके हैं
जब भी कोई छापेमारी होती है, राजनीतिक दबाव के चलते मामले दबा दिए जाते हैं, जिससे नकली उत्पाद बनाने वालों के हौसले और बुलंद हो जाते हैं।

कैसे पहचानें असली और नकली उत्पाद

  1. कंपनी का लोगो ध्यान से देखें — नकली उत्पादों में लोगो की बारीकियां गड़बड़ होती हैं।

  2. पैकेजिंग पर ध्यान दें — बड़ी कंपनियां उच्च गुणवत्ता की पैकेजिंग करती हैं।

  3. मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जांचें — मशीन से नई तारीख डालने के मामले आम हैं।

  4. प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें — बिना बिल सामान न लें।

1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, जनता की सेहत पर संकट

एक रिपोर्ट के अनुसार, नकली उत्पादों से देश की जीडीपी को हर साल 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर हैं:

  • एफएमसीजी और फार्मा उत्पाद

  • कपड़ा, तंबाकू, शराब और कृषि उत्पाद

  • लाइफस्टाइल व ऑटोमोटिव क्षेत्र

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