जशपुर नगर [ News T20 ] | कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम कदमटोली में पांच अक्टूबर को हुए तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि हत्याकांड के पीछे अंधविश्वास और जमीन विवाद कारण था। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तलवार, चाकू और हथौड़ी को बरामद कर लिया है।
एसपी कार्यालय में हत्याकांड की जानकारी देते हुए एसपी डी. रविशंकर ने बताया कि मामले का मुख्य आरोपित मृगपाल बंजुआ के बड़े भाई प्रेमचंद बंजुआ की पत्नी ने विवाह के लगभग 12 साल बाद तीन माह पूर्व बेटे काे जन्म दिया था। लगभग दो सप्ताह पहले इस नवजात की तबीयत बिगड़ गई। प्रेमचंद बंजुआ ने उसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। यहां हालत गंभीर होने पर झारखंड के गुमला के अस्पताल इलाज कराने ले गए थे।
यहां इलाज के दौरान तीन अक्टूबर को नवजात की मृत्यु हो गई थी। बेटे की मौत से व्यथित प्रेमचंद और मृगपाल का संदेह था कि उसके पड़ोस में रहने वाला अर्जुन तेंदुआ ने जादू टोना करके नवजात शिशु को मारा है। एसपी ने बताया कि आरोपित मृगपाल बंजुआ का मृतक अर्जुन के साथ जमीन विवाद भी चल रहा था। विवाद के कारण दोनों के बीच मारपीट भी हुई थी। इन सब कारणों से मृगपाल और प्रेमचंद ने मिलकर अर्जुन बंजुआ की हत्या करने का षड्यंत्र रचा था।
बदला लेने के लिए पूरे परिवार को खत्म कर दिया –
प्रेमचंद के बेटे की मौत का बदला लेने के लिए मृगपाल और प्रेमचंद ने अर्जुन की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने छोटे भाई बिंदेश्वर बंजुआ, दामाद आरजू तेंदुआ, करन तेंदुआ और प्रविण तेंदुआ को भी शामिल किया। पांच अक्टूबर को सभी आरोपित अर्जुन तेंदुआ का पीछा करते हुए उसके घर पहुंचे। इस समय अर्जुन के घर का मुख्य प्रवेश द्वार खुला हुआ था।
हथियारबंद हो कर पहुंचे आरोपितों ने हमला कर सबसे पहले अर्जुन तेंदुआ को मारा। इसके बाद उसकी पत्नी फिरनी तेंदुआ और उसकी बेटी संजना तेंदुआ की जान ले ली। पुलिस ने इन सभी आरोपितों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या,201 के तहत सबूतों को मिटाने और 120 बी के तहत आपराधिक षड़यंत्र रचने का अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
अपराधियों को पकड़ने तीन राज्यों में दौड़ी टीम –
घटनाकारित करने के बाद आरोपितों ने हत्या में प्रयुक्त हथियारों को गांव के पास बहने वाली पहाड़ी नाला में धोया और कपड़े व जूते को जलाकर गांव से फरार हो गए। इन आरोपितों को पकड़ने के लिए जशपुर पुलिस की टीम ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा तक की दौड़ लगाई।