कोरोनाडो ब्रिज एक हैरान करने वाला इंजीनियरिंग कारनामा है जो दिल को छू जाने वाले नजारे देता है. सैन डिएगो और कोरोनाडो को जोड़ने वाला यह पुल इस इलाके का एक प्रतिष्ठित प्रतीक बन गया है. रात की रोशनी में इसे देखना अलग ही अहसास देता है. इसने कला, लोककथाओं और साहसिक गतिविधियों को भी प्रेरित किया है.
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पुल अक्सर सीधे ही बनते हैं. लेकिन एक घुमावदार पुल अपने शहर की ही पहचान बन चुका है. अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो में एक आकर्षक स्थल, कोरोनाडो ब्रिज, शहर को सुंदर कोरोनाडो द्वीप से जोड़ने वाली एक शानदार संरचना से कहीं ज़्यादा है. अपने व्यापक मोड़ और लुभावने नजारों के साथ यह मशहूर पुल, 1969 से ही स्थानीय लोगों और पर्यटकों की खींचता आ रहा है. इसके इंजीनियरिंग चमत्कार से लेकर स्थानीय समुदाय पर इसके प्रभाव तक, कोरोनाडो ब्रिज में कई तथ्यों और कहानियों का खजाना है.
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कोरोनाडो ब्रिज एक वास्तुशिल्प चमत्कार है. कैलिफोर्निया में सुरम्य सैन डिएगो खाड़ी में फैला इस ब्रिज ने यहां के सुंदर नाजरों को अलग ही खूबसूरती देने का काम किया है. यह खाड़ी के चमकते पानी, चहल-पहल वाले सैन डिएगो क्षितिज और राजसी कोरोनाडो द्वीप को देखने के लिए एक खास नाजारा देता है. 2.12 मील तक फैले इस पुल के मोड़ इसे खास आकर्षण देते हैं.
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पुल आमतौर पर सीधे ही हों तो अधिक सुरक्षित माने जाते हैं. लेकिन कोरोनाडो ब्रिज के मामले में यह संभव नहीं था. डिजाइनरों को एक ऐसा पुल डिजाइन करना था जो मोटर चालकों के लिए पार करने के लिए पर्याप्त सुरक्षित हो और फिर भी नौसेना को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त ऊंचा हो. एक पारंपरिक पुल के लिए अस्वीकार्य रूप से खड़ी चढ़ाई की आवश्यकता होती. इसका समाधान एक घुमावदार पुल बनाना था. इसी घुमाव ने इसे एक प्रसिद्ध और अनूठी विशेषता दी है.
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इसे डिजाइन करते समय इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि इसके नीचे से बड़े बड़े नौसेना के जहाज आवा जाही कर सकें. इसमें नौसेना की जररूतों को पूरा करते हुए कम ढाल है. पुल को मोटर चालक सुरक्षित रूप से पार कर सकते हैं और साथ ही नौसेना के जहाज भी पुल के नीचे से आसानी से गुजर सकते हैं.
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कोरोनाडो ब्रिज इतिहास दुखद है. अपनी सुंदरता और उपयोगिता के लिए प्रसिद्ध होने के बाद भी यह कई दुखद घटनाओं का गवाह भी रहा है, जिसके कारण सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और आगे की त्रासदियों को रोकने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. फिर भी ब्रिज ने खुद को सैन डिएगो के ताने-बाने में जोड़ लिया है और यह सैन डिएगो का प्रतीक बन गया है.
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पुल के बारे में सिर्फ़ मोड़ ही ऐसी चीज़ नहीं है जो इसे आकर्षक और अनोखा बनाती है. पुल के डिज़ाइनर रॉबर्ट मोशर ने कुछ ऐसा शामिल किया जो काफ़ी नया था. उन्होंने पुल पर एक “ऑर्थोपेडिक रोडवे” बनाया. ऑर्थोपेडिक रोडवे को किसी ओवरहेड सपोर्टिंग केबल की ज़रूरत नहीं होती. ऑर्थोपेडिक रोडवे इस पुल को एक ट्यूब जैसा लुक देता है. दुनिया का सबसे लंबा बॉक्स गर्डर्स का समूह पुल के जोड़ों को छिपा लेता है.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पुल को लेकर भी कई ऐसी किवदंतियां हैं, जो सच ना होने पर भी हैरान करने वाली हैं. अक्सर कहा जाता है कि पुल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया था कि अगर कोई हिस्सा गिर जाए तो वह तैर सकता है. कथित कारण यह था कि नौसेना के जहाज़ उस हिस्से को धक्का देकर आगे बढ़ सकते थे. यह सुनने में दिलचस्प लग सकता है, लेकिन यह सच नहीं है.