नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया. सदन में शोर को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ सदस्यों का आचरण और लहजा पूरे देश के लिए निराशाजनक है. मैं ऐसे लोगों से कहूंगा कि जितना कीचड़ उछालेंगे, कमल उतना ही खिलेगा. कमल को खिलाने में बराबर की भूमिका के लिए मैं विपक्ष को भी धन्यवाद दूंगा.’

पीएम मोदी ने कहा- सदन में जो बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है. ऐसे सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल. जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल. जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा.’

राज्यसभा में जैसे ही प्रधानमंत्री ने अपना भाषण शुरू किया, विपक्षी सदस्य सदन के केंद्र में पहुंचे और जोर-शोर से नारेबाजी करने लगे. हालांकि, इस नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच भी पीएम मोदी ने अपना भाषण जारी रखा. उन्होंने अपनी सरकार के प्रदर्शन और कांग्रेस के नेतृत्व में पिछली सरकार के बीच तुलना की.

कांग्रेस ने विकास के मार्ग में सिर्फ बाधा पहुंचाई

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने विकास के मार्ग में सिर्फ बाधा पहुंचाई. भारत ने छह दशक खो दिए, जबकि छोटे देशों ने प्रगति की. कांग्रेस केवल ‘प्रतीकवाद’ में लगी रही. कभी भी देश के सामने समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की कोशिश नहीं की. हम स्थायी समाधान के साथ आगे बढ़ रहे हैं.” उन्होंने कहा कि मतदाताओं द्वारा खारिज किए जाने के बावजूद कांग्रेस अपनी साजिशों को जारी रखे हुए है.

कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है

पीएम मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन वो अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं. जनता ये देख रही है और हर मौके पर उन्हें सजा देती रही है. 1857 से लेकर 2014 तक हिंदुस्तान का कोई भी भूभाग उठा लीजिए. नौजवानों के मन में बार-बार सरकारों के लिए सवाल उठते गए. सही नीयत से आदिवासियों के कल्याण के लिए समर्पण से काम किया होता, तो 21वीं सदी के तीसरे दशक में मुझे इतनी मेहनत ना करनी पड़ती. अटल बिहारी सरकार में आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट की व्यवस्था हुई.’

कांग्रेस ने किसानों का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया

अपनी स्पीच में पीएम ने सवाल उठाया- ‘किसानों के लिए क्या नीति थी. ऊपर के कुछ वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाना ही लक्ष्य था. छोटे किसान उपेक्षित थे, उनकी आवाज कोई नहीं सुनता था. हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्हें बैंकिंग से जोड़ा और आज साल में 3 बार किसान सम्मान निधि उनके खातों में जमा होती है.’

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