रायपुर। स्कूली बच्चों को खौलते तेल वाली सजा मामले में बड़ा एक्शन हुआ है। एक खबर के बाद बस्तर संयुक्त संचालक ने प्रधान अध्यापक सहित तीन शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप था कि माकड़ी के केरावही स्कूल में 25 छात्राओं को शौचालय गंदा करने के मामले में गलती कबूल कराने के लिए हथेली पर खौलता हुआ तेल डाला गया था। शिकायत पर कलेक्टर ने जांच टीम बनायी थी। जांच रिपोर्ट पर कलेक्टर के निर्देश पर बस्तर संयुक्त संचालक ने ये कार्रवाई की है। जिन तीन शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है, उनमें उ प्रा शा केरावही की प्रधान अध्यापक जोहरी मरकाम, शिक्षिका मिताली वर्मा और शिक्षिका पूनम को सस्पेंड कर दिया है। तीनों शिक्षिकाओं को बीईओ कार्यालय माकड़ी अटैच किया गया है।

आपको बता दें कि उ प्रा शा केरावही में 8 की पढ़ने वाली छात्राओं को शौचालय गंदा होने पर तालिबानी सजा दी गयी थी। जानकारी के मुताबिक गर्ल्स टायलेट गंदा था, जिसे लेकर छात्राओं के हाथ में खौलता हुआ तेल डाला गया। हालांकि कहा जा रहा है कि स्कूल में छात्राओं के बीच से ही बनी शाला उपनायक के निर्देश पर छात्राओं के हाथ में गर्म तेल डाला गया। जानकारी के मुताबिक स्कूल के शौचालय की गंदगी को लेकर जिसे लेकर स्कूली छात्राओं में से बनी शाला नायक ने गंदे शौचालय के नाम पर छात्राओं से पूछताछ की और फिर किसी ने अपनी गलती नहीं स्वीकारी तो छात्राओं को शाला नायक ने ये कह दिया कि सबके हाथ में गर्म तेल डाला जायेगा, जिसके हाथ में फफोले आयेंगे, उसे दोषी माना जायेगा। कहा जा रहा है कि शाला नायक के कहने पर ही छात्राओं के हाथ में गर्म तेल डाले गये। कलेक्टर को हुई शिकायत के बाद जांच की जा रही है।

शिक्षिकाओं का कहना है कि इस मामले की उन्हें जानकारी ही नहीं थी, ये स्कूली छात्राओं के बीच की आपस में बात थी। अगर इस दलील को सच मान भी लिया जाये, तो सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना के वक्त स्कूल की शिक्षिकाएं कहां थी। क्या उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। हालांकि परिजनों ने इसे लेकर शिक्षिकाओं की भी संलिप्तता का आरोप लगाया था। परिजनों ने तीनों शिक्षिकाओं को हटाने की भी मांग की थी, जिसके बाद अब ये कार्रवाई हुई है।

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