
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही सामने आई गंभीर लापरवाही
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 16 जून 2025 से हो चुकी है। राज्य सरकार के निर्देश पर इस अवसर को ‘शाला प्रवेशोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है, जिससे शिक्षकों और विद्यार्थियों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
इसी कड़ी में महासमुंद ज़िले में भी ज़िला प्रशासन ने निगरानी के लिए विशेष मॉनिटरिंग दलों का गठन किया था। लेकिन पहले ही दिन कई शिक्षकों की अनुपस्थिति ने पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी।

निरीक्षण में गैरहाजिर पाए गए 35 शिक्षक
निरीक्षण के दौरान जिन 35 शिक्षक/शिक्षिकाएं अनुपस्थित पाए गए, उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया। लेकिन जब उनका स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाया गया, तब जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे ने सभी संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दे दिए।
इन विकासखंडों में हुई कार्रवाई, नामवार शिक्षकों पर गिरी गाज
महासमुंद विकासखंड
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अपर्णा पाल (व्याख्याता)
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आरती कुजुर (व्याख्याता)
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सारिका साकरकर (व्याख्याता)
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हेमपुष्पा ध्रुव (व्यायाम शिक्षक)
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बाबूलाल नेगी, प्रतिभा प्रभा कंवर, रूखमणी शर्मा, अशोक ध्रुव, विनोद पटेल
बागबाहरा विकासखंड
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नारद साहू, मनीष कुमार चंद्राकर, शत्रुहन मिर्धा, देवेंद्र ठाकुर
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लिलेश्वर टेकाम, संगीता सिन्हा, रूपेश राजपूत, बबीता बरिहा
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तरुण ठाकुर, विनोद मरकाम, लेखराम वनवासी
पिथौरा विकासखंड
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ममता ठाकुर (प्रभारी प्राचार्य), पुरुषोत्तम ठाकुर, रेखराम साहनी
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निर्मला चौधरी, राजकपुर तिर्की, गौतम ध्रुव, भूमिका सिंह, अमृतलाल भोई
बसना विकासखंड
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सुलोचना डड़सेना, संगीता खुटे, लक्ष्मी प्रसाद पोर्ते
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रूपधर निषाद, बालामणी नायक, लोकनाथ खुंटे
सरायपाली विकासखंड
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नोमित तिर्की
शिक्षा विभाग का सख्त संदेश: समयपालन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
इस पूरे घटनाक्रम के बाद ज़िला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों की गैरहाज़िरी या समयपालन में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में भी औचक निरीक्षण जारी रहेंगे और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
