रायपुर / गृह, लोक निर्माण, कृषि विभाग के मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बिलासपुर जिले का प्रभार संभालने के बाद प्रथम आगमन पर जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक् लेकर राज्य सरकार की योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणाओं सहित राज्य सरकार की तमाम फ्लेगशीप योजनाओं पर तेजी से काम करते हुए जनता को लाभ दिलाने के सख्त निर्देश दिए।
बैठक में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक शैलेश पाण्डेय, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान, अरपा बेसीन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय, मण्डी अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला सहित जिला स्तरीय तमाम अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बैठक का संचालन करते हुए प्रभारी मंत्री को राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियों से अवगत कराया।
प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जिले में एक भी आंगनबाड़ी केन्द्र, राशन दुकान एवं ग्राम पंचायत कार्यालय भवन विहीन नहीं होनी चाहिए। विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जन से एक कार्ययोजना तैयार कर जल्द से जल्द सभी के लिए शासकीय भवनों की व्यवस्था किया जाये। उन्होंने कहा कि गोठान रीपा में निर्मित गोबर पेण्ट का इस्तेमाल सभी सरकारी कामों मंे अनिवार्य रूप से होने चाहिए। इसका रसीद शामिल किये जाने पर ही एजेन्सी का भुगतान किया जाये।
जिले की चार गोठानों में अब तक 13 हजार लीटर पेण्ट निर्मित किये जा चुके हैं। इनमें से 8500 लीटर की बिक्री कर महिलाओं ने पर्याप्त आमदनी भी कमाए हैं। मंत्री ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में गोठान खोले जाएं। यदि कहीं पर अतिक्रमण के कारण भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है, तो बेदखली कर जमीन खाली कराया जाए। गोठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए हरसंभव मदद किये जाएं। बिलासपुर जिले की 483 ग्राम पंचायतों में से 354 में गोठान चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्मीखाद लेने के लिए किसानों को बाध्य नहीं किया जाए। वर्मी खाद के फायदे से उन्हें अवगत कराएं। इनकी लाभ और दूरगामी फायदे के बारे में उन्हें बताया जाए।
मंत्री श्री साहू ने बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हुए पीडब्ल्यूडी सड़कों की मरम्मत के लिए अभी से तैयारी रखने के निर्देश दिए। बरसात की समाप्ति पर युद्धस्तर पर काम करके सड़कों को यात्रियों के लिए सुगम बनाएं। पीएमजीएसवाई योजना के अंतर्गत परफार्मेस गारण्टी वाले सड़कों को संबंधित ठेकेदारों के जरिए सुधार कराने को कहा है। पांच साल तक सड़क मरम्मत की गारण्टी सड़क बनाने वाले ठेकेदार की होती है। पांच साल से ज्यादा वाले सड़कों का प्राक्कलन बनाने के लिए कहे हैं। प्रभारीमंत्री श्री साहू ने स्कूल मरम्मत के कामों में आरईएस विभाग द्वारा किये जा रहे अत्यधिक विलंब पर गहरी नाराजगी जताई।
उन्होंने इनके कामों की सरप्राईज चेकिंग कराने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने ग्रामों में खाली पड़े जमीनों को खेल मैदान के नाम पन आरक्षित रखने के निर्देश राजस्व अफसरों को दिए। स्कूल के नाम पर राजस्व रिकार्ड में यह जमीन दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में कोई भी स्कूल एकल शिक्षकीय नहीं होने चाहिए। बेतरतीब ट्रांसफर के कारण यदि कहीं पर ऐसी स्थिति निर्मित हुई हो, तो जिला शिक्षा अधिकारी प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के जरिए और शिक्षकों की व्यवस्था करें।
प्रभारी मंत्री श्री साहू ने कहा कि यदि किसी राशन दुकान में 500 से ज्यादा उपभोक्ता पंजीकृत हैं, तो अतिरिक्त राशन दुकान खोला जाए। उपभोक्ताओं को राशन उठाने में अत्यधिक विलंब अथवा अन्य किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राशन वितरण में गड़बड़ी पर तेजी से कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रभारी मंत्री श्री साहू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस खरीफ सीजन से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। हमें इस निर्णय के अनुरूप अपनी तैयारी जिला प्रशासन को शुरू कर देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि खरीदी स्थल, बारदाना, परिवहन, तौलाई, शेड, चबूतरा आदि की तैयारी बारिश के दौरान कर लिया जाए। उन्होंने ग्रामीण इलाकों के लोगों की सुविधा के लिए दूरदराज क्षेत्रों में आरटीओ लर्निंग लाईसेंस शिविर आयोजित करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि अवैध प्लाटिंग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई किया जाए। ऐसे लोगों द्वारा अवैध रूप से लोगों को बसा दिए जाने से बाद में समस्याएं निर्मित होती हैं।
उन्होंने अभियान चलाकर अवैध कॉलोनाईजर्स के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। मुख्यमंत्री मितान योजना की जिले में अच्छी सफलता पर प्रभारी मंत्री ने खुशी जताई और निगम प्रशासन को इसके लिए बधाई दी। अब तक नगरीय इलाकों में लगभग 9 हजार विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट जारी किये जा चुके हैं। जलजीवन मिशन के अंतर्गत कामों की अत्यंत धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। जिले की 668 ग्रामों में संचालित मिशन की योजना के अंतर्गत अब तक केवल 41 गांव में ही काम पूर्ण हुए हैं।