
बिलासपुर। महात्मा गांधी जी की जयंती (2 अक्टूबर 2014) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। यह केवल एक स्वच्छता अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जागरण था, जिसने समाज को नई सोच और आदतों की दिशा दी। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हर साल “स्वच्छता ही सेवा” अभियान मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह अभियान “स्वच्छोत्सव” की थीम के साथ 17 सितम्बर से शुरू हुआ, जिसका नेतृत्व रेल मंत्रालय ने किया।
पाँच स्तंभों पर आधारित “स्वच्छोत्सव 2025”
इस अभियान के पाँच प्रमुख स्तंभ थे:

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स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण
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सार्वजनिक स्थलों की सफाई
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सफाई मित्र सुरक्षा शिविर
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ग्रीन-क्लीन उत्सव
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व्यापक जन-जागरूकता
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस अभियान को जनभागीदारी का रूप देते हुए कई विशेष पहलें कीं।
सफाई मित्रों और नागरिकों की भागीदारी
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सफाई मित्रों को स्वच्छता किट वितरित की गई।
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ऑफिस परिसरों और आसपास के दुकानदारों को जागरूक किया गया।
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युवाओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया डिजिटल अभियान चलाया गया।
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महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नेतृत्व में “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” पहल के अंतर्गत बिलासपुर जंक्शन पर श्रमदान हुआ, जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों और नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की।
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चिन्हित 4894 स्वच्छता इकाइयों में से 3700 से अधिक का रूपांतरण हो चुका है।
अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ
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4835 कर्मचारियों और नागरिकों ने स्वच्छता शपथ ली।
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14 जन-जागरूकता कार्यशालाएँ और 7 कार्यक्रम सामाजिक संगठनों के सहयोग से आयोजित।
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29 सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, जहाँ 473 कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए।
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जनजागरूकता के लिए मैराथन, 4 साइक्लोथॉन और 10 वॉकाथॉन आयोजित हुए।
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7 खेल प्रतियोगिताएँ, 7 सांस्कृतिक कार्यक्रम और 14 युवा जुड़ाव प्रतियोगिताएँ आयोजित।
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1341 पौधारोपण, 123 वेस्ट टू आर्ट प्रोजेक्ट्स और 18 RRR गतिविधियाँ पूरी हुईं।
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440 घर-घर जागरूकता अभियान और 2315 प्रतिभागियों के साथ विशेष श्रमदान।
स्वच्छ आहार और सार्वजनिक स्थलों की सफाई
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26 “स्वच्छ आहार” गतिविधियाँ आयोजित हुईं।
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ट्रेनों और स्टेशनों पर कृंतक और कीट नियंत्रण अभियान चलाए गए।
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21 सार्वजनिक शौचालयों, 18 बेस किचन, फूड स्टॉल और पैंट्री कार की विशेष सफाई और उन्नयन किया गया।
स्वच्छता: अभियान से आंदोलन तक
“स्वच्छता ही सेवा 2025” ने यह साबित किया कि स्वच्छता सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनआंदोलन है। इसमें अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, सफाई मित्रों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश दिया कि –
स्वच्छता ही सेवा है और इसे जीवन का हिस्सा बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
