कोयले घोटाले का सरगना सूर्यकांत तिवारी फरार

रायपुर [ News T20 ] | कोयला घोटाले का सरगना सूर्यकांत तिवारी ने अवैध वसूली के लिए समांतर प्रणाली विकसित कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत दी। इसी अवैध वसूली और इसके सबूत मिटाने के खिलाफ पहले आईटी ने जांच शुरू की। मनी लॉन्ड्रिंग होने पर ईडी भी जांच कर रहा है। ED ने बताया कि सूर्यकांत तिवारी फ़रार है।

ED के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वसूली का एक नेटवर्क बनाया। और अनुमान के मुताबिक वसूली से रोज 2 -3 करोड़ उगाही करते थे। लक्ष्मीकांत तिवारी ने माना कि वह रोज 1 से 2 करोड़ की जबरन वसूली करते थे। साथ ही सुनील अग्रवाल सूर्यकान्त तिवारी का भागीदार था। वहीं 2010 बैच की आईएएस रानू साहू सरकारी आवास से गायब पाई गई।  ईडी की कार्रवाई छत्तीसगढ़ में अभी जारी रहेगी। रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद में जारी ED की छापेमारी के बाद अब लगातार तस्वीरें सामने आ रही है। नोटों के बंडलों की। IAS अफसर और कारोबारियों के घर से इतना अवैध कैश मिला है कि आलमारी भर गई। करारे नोटों के कई ऐसे बंडल मिले हैं, जिनमें सारे के सारे नए नोट हैं। ED के अधिकारियों ने तस्वीरें जारी कर बताया है कि प्रदेश में हुई कार्रवाई में अब तक 6.5 करोड़ की बरामदगी हुई है।

ED ने आधिकारिक तौर पर बताया कि तलाशी अभियान में बेहिसाब नकदी, सोना और गहनों के रूप में लगभग 6.5 करोड़ रुपये जब्त किए। ED ने अपनी तरफ से पुष्टि करते हुए कहा है कि IAS समीर विश्नोई के अलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को रायपुर की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में 21 अक्टूबर तक रिमांड पर ED को सौंपा है। इनसे पूछताछ जारी है। गुरुवार को ही अदालत ने रिमांड का आदेश जारी कर दिया था।

विश्नोई ED की गिरफ्त में हैं। गुरुवार को रायपुर की अदालत ने इन्हें 8 दिन की रिमांड पर ED अफसरों को सौंप दिया। 11 अक्टूबर को इनके सरकारी बंगले पर ED का छापा पड़ा था। प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों में से एक विश्नोई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध लेन-देन जैसे इनपुट ED के पास है। इनसे जुड़ी पूछताछ अफसर से चल रही है। लग्जरी लाइफ स्टाइल के शौकीन समीर विश्नोई की तस्वीरों के जरिए जानिए उनके बारे में। ED की कार्रवाई पर CM भूपेश बघेल पहले भी कह चुके हैं कि, BJP सीधे लड़ नहीं पा रही है तो ED -आईटी, डीआरआई के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये और आएंगे। यह आखिरी नहीं है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा इनकी यात्राएं बढ़ेंगी। यह डराने-धमकाने का ही काम है। उसके अलावा कुछ नहीं।

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