
दुर्ग में साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई
दुर्ग। साइबर अपराधियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सुपेला थाना पुलिस ने म्यूल अकाउंट (Mule Account) के जरिए ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों और दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में –
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सचिन यादव (18 वर्ष) निवासी पंचमुखी हनुमान मंदिर, कुरूद थाना जामुल, जिला दुर्ग
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राहुल निषाद (19 वर्ष) निवासी गोपाल नगर, कुरूद थाना जामुल, जिला दुर्ग
दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

म्यूल अकाउंट से खुला राज
गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल के जरिए पुलिस को म्यूल अकाउंट से जुड़ी जानकारी प्राप्त हुई। जांच के दौरान सामने आया कि नरेश कुपाल, निवासी ढांचा भवन, जामुल ने बैंक ऑफ इंडिया, सुपेला शाखा में खाता खुलवाया था। उसने अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे व्यक्तिगत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
जांच में खुलासा हुआ कि नरेश कुपाल को पहले से पता था कि उसका खाता ऑनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफर करने और अवैध वित्तीय लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस खाते में साइबर ठगी से जुड़ी ₹1,19,098 की रकम जमा हुई थी, जिसे आरोपी ने अपने खाते में डालकर अवैध रूप से लाभ उठाया।
त्वरित पुलिस कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपराध क्रमांक 991/25 दर्ज किया। आरोपियों पर धारा 317(2), 318(4) बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने घेराबंदी कर दो आरोपियों और दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
सराहनीय रही पुलिस टीम की भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी विजय यादव, उप निरीक्षक चितराम ठाकुर, प्रधान आरक्षक सुबोध पाण्डेय, आरक्षक सूर्य प्रताप सिंह, दुर्गेश सिंह राजपूत और मिथलेश साहू की भूमिका अहम रही। पुलिस टीम ने बेहतरीन तालमेल और सतर्कता दिखाते हुए साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
क्या होता है म्यूल अकाउंट?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं जिन्हें किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खोलकर साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती है। खाता धारक, ठगी गिरोह को अपनी जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराता है और बदले में कमीशन लेता है। यह प्रक्रिया सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है और इसे कानूनन गंभीर अपराध माना जाता है।
