रायगढ़ से श्याम भोजवानी

रायगढ़। रायगढ़ विधानसभा सीट में प्रत्याशी के सवाल पर भाजपा नेताओं में यादवी संग्राम छिड़ा हुआ है। बीजेपी का हर दूसरा और चौथा नेता इन दिनों मुंगेरीलाल की भूमिका में तब्दील हो गए हैं और विधायक बनने का सपना संजोये हुए हैं। लायक व सशक्त नेताओं की टिकट पर दावा समझ में आता है मगर विज्ञप्तिवीर नेताओं की ऐसी बाढ़ आ गयी है, इससे यह प्रतीत होता है कि शायद संगठन ने उम्मीदवारी का मापदंड ‘मीडिया’ को ही तय कर दिया है।

टिकट के दावेदारों की भीड़ के बीच एक ऐसा शख्स मौजूद है जो न तो पहचान का मोहताज है और ना ही सियासत की आवश्यक दुगुर्णों से कोसों दूर है। जी हां! हम यहां बात कर रहे हैं- सुनील रामदास अग्रवाल की। लालच व लोलुपता के अपयश से अछूता यह बंदा इस बार सामने आया है। सुनील रामदास यूं तो प्रबल सामाजिक पृष्ठभूमि के हैं मगर पल-पल, बनते-बिगड़ते सियासी समीकरणों के बीच सुनील की महत्वाकांक्षा को भी पंख लग गए हैं। सुनील के पिता स्व. रामदास अग्रवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे लेकिन सुनील ने पिछले 15 बरसों से भगवा चोला ओढ़ लिया है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *