
रायपुर, छत्तीसगढ़ / राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना अब बड़ा मुद्दा बन गई है। स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा और जवाबदेही को लेकर उठते सवालों के बीच, प्रशासन ने ठेका सुरक्षा कंपनी “कॉल मी सर्विस” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ बदसलूकी, मामला पहुंचा मारपीट तक
पिछले सप्ताह एक खबर के सिलसिले में जब पत्रकार मेकाहारा पहुंचे, तब “कॉल मी सर्विस” से जुड़े कुछ बाउंसरों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। बात इतनी बढ़ गई कि हाथापाई और अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी हुआ। घटना के बाद अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।

जांच के बाद ठेका कंपनी को भेजा गया कारण बताओ नोटिस
अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल इस मामले की आंतरिक जांच शुरू की। मेकाहारा के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर सुरक्षा कंपनी को नोटिस भेजा गया था, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया।
चार बाउंसर बर्खास्त, ठेका निरस्त करने की सिफारिश
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह घटना सामान्य नहीं थी, बल्कि इसमें सुनियोजित मारपीट की मंशा दिखी। चार बाउंसरों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया है और ठेका कंपनी का अनुबंध समाप्त करने की सिफारिश चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को भेज दी गई है।
संवेदनशील स्थानों पर कर्मचारियों को मिलेगा व्यवहारिक प्रशिक्षण
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कर्मचारियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा और सुरक्षा व्यवस्था पर नए दिशा-निर्देश भी लागू होंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मरीजों, उनके परिजनों और मीडिया कर्मियों के साथ शालीनता से व्यवहार किया जाए।
पत्रकार संगठनों का विरोध, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग
घटना के विरोध में प्रेस क्लब और पत्रकार संगठनों ने प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून को सख्ती से लागू करने की अपील भी की। यह पूरा मामला इस ओर इशारा करता है कि सरकारी संस्थानों में निजी ठेका कंपनियों की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी है।
