अजब-गजब: छतरपुर के इस गांव में नहीं पड़ती थाने या कोर्ट की जरूरत, ‘भगवान बधईनाथ’ खुद करते हैं न्याय

जहां भगवान करते हैं इंसाफ | The Village Where God Delivers Justice

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां आज भी कोर्ट-कचहरी या पुलिस थाने की जरूरत नहीं पड़ती।
यहां गहबरा गांव के लोग किसी भी विवाद या अन्याय की शिकायत के लिए सीधे अपने ग्राम देवता बधईनाथ महाराज (Gram Devta Badhai Nath) के दरबार में पहुंचते हैं।
यहां झूठ बोलना असंभव माना जाता है और लोग भगवान की मौजूदगी में सच्चाई स्वीकार कर लेते हैं।

400 साल पुराना है बधईनाथ मंदिर | 400-Year-Old Faith of Justice

गांव के बुजुर्ग दयाराम दुबे बताते हैं कि बधईनाथ हमारे पूर्वज थे।
लगभग 400 वर्ष पहले, जब गांव में अन्याय और अत्याचार बढ़ गया था, तब बधई बाबा ने काशी में आरा लेकर (जिंदा रहते शरीर त्यागकर) गांव की रक्षा और न्याय के व्रत को पूरा किया था।
उनके निर्देश पर ग्रामीणों ने दो प्रतिमाओं की स्थापना की, और तब से ही ग्राम देवता बधईनाथ गांव की रक्षा करते आ रहे हैं।

लोकमान्यता है कि आज भी बधईनाथ महाराज हर उस व्यक्ति को न्याय दिलाते हैं, जिसे कहीं और से राहत नहीं मिलती।

यहां झूठ बोलना असंभव | No Lies Can Survive Here

गोरेलाल मिश्रा बताते हैं कि बधईनाथ मंदिर में जो भी व्यक्ति आता है, वह झूठ नहीं बोल पाता।
उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र किया —

“जब श्री राम खिलावन अवस्थी गांव के सरपंच थे, तब एक व्यक्ति की घड़ी चोरी हुई थी। संदेहास्पद व्यक्ति को मंदिर बुलाया गया। वहां उसने चोरी कबूल की, लेकिन मंदिर से बाहर निकलते ही अपने बयान से मुकर गया। इसके बाद पूरे गांव को समझ में आ गया कि दोषी कौन है।”

गांववालों का मानना है कि ग्राम देवता के समक्ष सच अपने आप सामने आ जाता है।

न पुलिस की जरूरत, न कोर्ट की | Justice Without Police or Court

गहबरा गांव के लोगों का विश्वास है कि बधईनाथ महाराज साक्षात यहां निवास करते हैं।
जो भी व्यक्ति अहंकार, अत्याचार या अन्याय करता है, उसे किसी न किसी रूप में दंड मिलता है।
इस वजह से ग्रामीण किसी विवाद के लिए पुलिस या कोर्ट के चक्कर नहीं लगाते, बल्कि सबसे पहले बधईनाथ मंदिर पहुंचते हैं।

कल्लू त्रिपाठी, जो बधईनाथ के परम भक्त हैं, बताते हैं —

“एक बार मेरा भयानक एक्सीडेंट हुआ था। मैंने महाराज से प्रार्थना की और तीन दिन में पूरी तरह ठीक हो गया।”

रामधुन से बढ़ती है दिव्य शक्ति | Ramdhun Brings Peace & Power

रामानंद दीक्षित बताते हैं कि बधईनाथ मंदिर में हमेशा सीताराम जप और रामधुन गूंजती रहती है।
स्व. श्री राम खिलावन अवस्थी ने यहां 5 साल का अखंड सीताराम जप करवाया था।
ग्रामीणों का विश्वास है कि जब भी गांव पर संकट आता है, सीताराम जप से ग्राम देवता प्रसन्न होकर रक्षा करते हैं।

आस्था और न्याय का अनोखा संगम | A Blend of Faith and Justice

गहबरा गांव की यह परंपरा आज भी बरकरार है।
यहां आस्था और न्याय एक-दूसरे के पूरक हैं, जहां लोगों का भरोसा किसी कानूनी प्रक्रिया से नहीं, बल्कि भगवान के फैसले से जुड़ा है।
यह परंपरा न केवल गांव की एकता बनाए रखती है बल्कि मानवता और सच्चाई का संदेश भी देती है।

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