बिलासपुर में आयरन और फोलिकएसिड टेबलेट खाते ही स्कूली बच्चों को उल्टी होने लगी और उनकी तबीयत बिगड़ गई। बच्चों की हालत देखकर घबराए टीचर ने आनन-फानन में उन्हें स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। अस्पताल में 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। इधर, नगर पालिका के कचरे के ढेर में जीवन रक्षक दवाइयां मिली, जिसे लेकर लोगों ने चौक में प्रदर्शन भी किया। मामला रतनपुर क्षेत्र के ग्राम सीलदहा के प्राइमरी स्कूल का है।
स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ग्राम सिलदहा के प्राइमरी स्कूल में पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक के 75 बच्चों को आयरन और फोलिकएसिड की टेबलेट खिलाई गई। टेबलेट खाने के 15 से 20 मिनट बाद अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी और उनके सिर और पेट में दर्द शुरू हो गया। इस दौरान कई बच्चे उल्टी करने लगे। उनकी स्थिति देखकर टीचर भी घबरा गए और तत्काल पुलिस के डायल 112 को जानकारी दी।
16 बच्चों को अस्पताल में कराया भर्ती
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम स्कूल पहुंच गई। इस दौरान 16 बच्चों ने सिर और पेट में दर्द होने की शिकायत करने लगे। सभी बच्चों को तत्काल रतनपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्हें इलाज के लिए भर्ती किया गया है।
पेरेंट्स भी पहुंचे हॉस्पिटल
इधर, बच्चों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी टीचर ने उनके पेरेंट्स को दी। खबर मिलते ही परेशान परिजन रतनपुर अस्पताल पहुंच गए, जहां उन्होंने अपने बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। डाक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया। सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव को भी बच्चों की तबीयत खराब होने की सूचना दी गई है। फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि शरीर में खून और विटामिन की कमी को दूर करने के लिए आयरन और फोलिकएसिड की दवा दी जाती है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। बच्चों को दूसरी तरह की परेशानी हो सकती है।
सभी सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों को गोली खिलाने के निर्देश
छोटे बच्चों के शरीर में विटामिन की कमी को दूर करने के लिए राज्य शासन ने सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को आयरन फोलिक एसिड की गोली खिलाने अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में जाकर बच्चों को गोली खिला रहे हैं।
नगर पालिका के कचरा सेंटर में मिली जीवन रक्षक दवाइयां
रतनपुर के नगर पालिक के मणिकंचन केंद्र कचरा सेंटर में आयरन, कैल्शियम, गैस शिप्लर सहित अन्य जीवन रक्षक गोलियां कचरे के ढेर में मिली है। इसमें से कई टेबलेट ब्रांडेड भी है। कचरे के ढेर में दवाइयां किसने डाली है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। इस संबंध में स्वास्थ विभाग के अफसरों को भी कोई जानकारी नहीं है।
लोगों ने जब इसकी सूचना दी, तब स्वास्थ्य कर्मी कचरे से ढेर से निकालने पहुंच गए। वहीं, नाराज लोगों ने टेबलेट उठाकर चौक में प्रदर्शन करते हुए विरोध भी जताया। सूचना मिलते ही रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ मौके पर पहुंचकर सभी टेबलेट को लेकर चले गए। बताया जा रहा है कि दवाइयों के रेपर में एक्सपायरी डेट अक्टूबर 2024 तक है।