
ओटीटी पर आई धमाकेदार फिल्म, बिना गानों और ग्लैमर के रच देती है असरदार कहानी
मनोरंजन डेस्क – ‘Stolen’ उन फिल्मों में से है जो साबित करती हैं कि कंटेंट ही असली किंग है। न गाने, न बड़े सुपरस्टार, न दिखावे की चमक—सिर्फ एक रियलिस्टिक कहानी जो आपको झकझोर देती है। डेढ़ घंटे की इस फिल्म ने फेस्टिवल सर्किट में धूम मचाई और अब अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीमिंग में धमाल कर रही है।
रियलिज्म से भरपूर, ‘Stolen’ आपकी सोच हिला देगी
‘Stolen’ की कहानी में कोई हवाई बात नहीं है, लेकिन इसकी सच्चाई इतनी गहरी और डिस्टर्बिंग है कि दर्शक अंदर तक हिल जाता है। फिल्ममेकर करण तेजपाल ने इसे इतने बेहतरीन तरीके से निर्देशित किया है कि एक सेकंड के लिए भी आपका ध्यान नहीं भटकता।

पांच महीने की बच्ची की चोरी से शुरू होता है तगड़ा इमोशनल ड्रामा
फिल्म की शुरुआत होती है एक रेलवे स्टेशन से, जहां गौतम बंसल (अभिषेक बनर्जी) अपने छोटे भाई रमण (शुभम वरधान) को लेने आया है। इसी दौरान एक औरत झुम्पा की 5 महीने की बेटी चोरी हो जाती है। यहां से शुरू होती है एक ऐसी कहानी जिसमें पुलिस की जांच, सोशल मीडिया की अफवाहें और इंसानी संवेदनाएं टकराती हैं।
दर्शकों को बार-बार सोचने पर मजबूर करती है फिल्म
‘Stolen’ सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, बल्कि एक मानसिक और सामाजिक सवाल है। झुम्पा पर भरोसा करना मुश्किल होता है, रमण की मासूमियत सवालों में घिर जाती है और गौतम का प्रैक्टिकल रवैया दर्शक को अंदर तक झकझोर देता है।
अभिनय और तकनीक दोनों में बेहतरीन
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अभिषेक बनर्जी ने गौतम के किरदार में जान डाल दी है। यह उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस में से एक माना जा सकता है।
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मिया मायलेजर (झुम्पा) ने अपने चेहरे के हावभाव और आंखों से अभिनय का कमाल दिखाया है।
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शुभम वरधान (रमण) की भावनाएं दर्शकों के दिल तक पहुंचती हैं।
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सिनेमैटोग्राफर ईशान घोष और एडिटर श्रेयष बेल्टैगंडी ने फिल्म को टेक्निकल रूप से भी मजबूत बनाया है।
रेटिंग: 4 स्टार – जरूर देखिए ‘Stolen’
‘Stolen’ की सबसे बड़ी ताकत है इसकी कहानी और ट्रीटमेंट। यह फिल्म एक बार देखने के बाद भी लंबे समय तक आपके ज़ेहन में बनी रहती है। अगर आप कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा के शौकीन हैं, तो यह वीकेंड इस फिल्म को देखने के लिए रिज़र्व कर लीजिए।
