प्रदेश के अस्पतालों को मिले 7 नए विशेषज्ञ चिकित्सक...

रायपुर / प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में  07 संविदा विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। इससे त्वरित और बेहतर उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी तथा चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।

इन चिकित्सकों को संबंधित जिलों के ग्रामीण एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला चिकित्सालयों में पदस्थ किया गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज नवीन संविदा नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं।

विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ पियुष देवांगन व डॉ विवेक सिंह को  जिला अस्पताल बालोद, डॉ. अर्पित यादव, जिला अस्पताल कबीरधाम, डॉ शशिकांत कुमार जिला अस्पताल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, डॉ संजय कुमार अग्रवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरायपाली, जिला महासमुंद, डॉ घनश्याम गंगवानी व डॉ. प्रियंका जोशी की  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरगांव, जिला मुंगेली में पदस्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। बीते एक वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए गए है। प्रदेश के दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बड़ी संख्या में संविदा मानव संसाधनों की नियुक्ति की गई है।

जनवरी 2024 से अप्रैल 2025 तक  88 विशेषज्ञ चिकित्सक, 432 चिकित्सा अधिकारी, 344 स्टाफ नर्स, 87 एएनएम, 75 लैब टेक्नीशियन, 279 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और 878 अन्य पदों पर संविदा नियुक्तियाँ की गई हैं। इससे राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकीय सेवाएँ और अधिक सशक्त हुई हैं।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का यह विस्तार केवल सरकारी प्रयासों का परिणाम नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित और लक्ष्य आधारित नीति निर्माण का उदाहरण है। स्वास्थ्य केंद्रों की क्षमता बढ़ाने और आमजन को समय पर इलाज देने की दिशा में यह नियुक्तियाँ मील का पत्थर साबित हो रही हैं।

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