हमारी ज़िंदगी में बहुत सी ऐसी चीज़ें होती हैं, जो हम अपने बच्चों को सिखाना चाहते हैं. हर माता-पिता की इच्छा होती है कि वो ऐसा सब कुछ बच्चों को बताएं, जो उन्हें आता है. अगर ये नाचने-गाने, खाना बनाने या कम्प्यूटर स्किल तक हो, तो चलता है पर कोई डॉक्टर अगर बिना पढ़ाई के बच्चे को ऑपरेशन करना सिखाने लगे तो क्या होगा?
ये सवाल सुनकर ही आप सिहर गए होंगे लेकिन ज़रा उस मरीज़ के बारे में सोचिए, जिसे बेहोशी में ये पता भी नहीं था कि उसकी ज़िंदगी एक 13 साल की बच्ची के हाथ में है. ऑडिटी सेंट्रल वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रिया में एक न्यूरोसर्जन ने मरीज़ के ऑपरेशन के दौरान अपनी बेटी से उसकी खोपड़ी में ड्रिल करके छेद बनाने को कहा.
‘बेटा, अंकल की खोपड़ी में छेद करो’
33 साल के एक आदमी का इसी साल जनवरी में एक्सीडेंट हुआ था. वो University Hospital Graz में एडमिट किया गया. यहां पर एक फीमेल न्यूरोसर्जन पर आरोप है कि उसने अपनी 13 साल की बेटी को ऑपरेशन के दौरान बेहोश पड़े मरीज़ की खोपड़ी में छेद करने दिया. गनीमत ये रही कि ऑपरेशन कामयाब रहा और वो शख्स पर सामान्य ज़िंदगी भी जी रहा है. बावजूद इसके ये मामला जुलाई में तब खुला, जब किसी अनजान शख्स ने इसकी शिकायत पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के दफ्तर में कर दी.
सामने आया मामला, तो मचा बवाल
जब मामले की जांच हुई तो इस ऑपरेशन के दौरान मौजूद सीनियर और असिस्टेंट डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि 5 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है. इसके अलावा ऑपरेशन करवाने वाले शख्स को इसके बारे में पता चला, तो उसने हॉस्पिटल के खिलाफ केस ठोक दिया है. वो पूरी सर्जरी टीम से मुआवज़े की मांग कर रहे हैं. मामले की जांच अभी जारी है लेकिन हॉस्पिटल ने अपनी तरफ से कार्रवाई कर दी है.