Durga Puja 2022: हिंदू धर्म में नवरात्रि मुख्य त्योहारों में से एक है. नवरात्रि में भक्त नौ दिन तक व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की विशेष उपासना करते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना, व्रत, अखंड ज्योति जलाने का विधान है. इसके अलावा प्रत्येक दिन मां दुर्गा को विशेष पकवानों का भोग लगाया जाता है.

इतना ही नहीं, नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार का भी बड़ा महत्व होता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा का हर दिन अलग-अलग वस्त्रों से श्रृंगार किया जाता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में सोलह श्रृंगार का क्या महत्व होता है.

नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार का महत्व –

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है, इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि सोलह श्रृंगार में किन वस्तुओं को शामिल करना चाहिए. माता के सोलह श्रृंगार में मेहंदी, पायल, लाल बिंदिया,

काजल, लाल चूड़ी, मांग टीका, झुमके, गजरा, नथ, बिछुआ, बाजूबंद, मंगलसूत्र, कमर बंद, लाल चुनरी आदि होनी चाहिए. जैसा कि मां दुर्गा को लाल रंग बेहद प्रिय है, इसलिए मां को लाल रंग का जोड़ा पहनाया जाता है. इससे मां दुर्गा खुश होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

इन बातों का रखें ध्यान –

नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. बाजार से मां के लिए चुनरी लाते समय गोटेदार लहंगा जरूर लेकर आएं. इससे मां की सुंदरता और निखर आएगी. मां के लिए गजरा हमेशा असली फूलों वाला ही लेना चाहिए.

आप चाहे तो फूलों वाला गजरा घर पर भी तैयार कर सकते हैं. गजरे में मोगरा या गुलाब के फूल इसे और भी शुभ बना देते हैं. इससे मां दुर्गा खुश होकर सौभाग्य और प्रगति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास रहता है.

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