प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दायर कर दी है। ईडी ने दावा किया है कि एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदले में 100 करोड़ रुपए की रिश्वत के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी ने यह भी खुलासा किया है कि शराब घोटाले को अंजाम देने वाले नेताओं, मंत्रियों और उनके सहयोगियों ने इन पैसों का इस्तेमाल किया।
रकम के एक हिस्से का इस्तेमाल गोवा में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए भी किया गया। ईडी ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि आरोपियों और उनके सहयोगियों ने सबूत मिटाने की भी भरसक कोशिश की। यह भी कहा गया है कि दिल्ली के उपमुख्यंत्री और ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने एक दर्जन से अधिक फोन बदले हैं।
इसके अलावा उन्होंने दूसरे के नाम पर खरीदे गए सिमकार्ड्स का भी इस्तेमाल किया। ईडी ने सिसोदिया के पूर्व सेक्रेटरी और गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर कई सनसनीखेज दावे किए हैं। ईडी ने कहा कि सिसोदिया के सचिव रहे अरविंद ने कहा कि उन्हें उनके बॉस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया था जहां उन्हें ड्राफ्ट जीओएम रिपोर्ट दी गई।
सिसोदिया के अलावा वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। सत्येंद्र जैन एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद हैं। ईडी ने कहा कि निजी हाथों में होलसेल कारोबार देने और 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन (6 फीसदी रिश्वत के साथ) तय करने पर मंत्रिमंडल में चर्चा नहीं की गई। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का भी जिक्र किया है।
आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल की भी घोटाले के आरोपियों के साथ मिलीभगत थी। उन्होंने कथित तौर पर शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से बात की थी और विजय नायर को अपना आदमी बताते हुए भरोसा करने को कहा था। बताया गया है कि विजय नायर ने दोनों की बात फेसटाइम ऐप से करवाई थी।