डोंगरगढ़: शहर के करवारी रोड पर खून से सनी एक लाश मिलने से सनसनी फैल गई. मृतक की पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मण्डावी के रूप में हुई. चेहरे को बुरी तरह कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई थी, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके. लेकिन डोंगरगढ़ पुलिस ने मात्र 48 घंटे में पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाकर तीन आरोपियों को धर दबोचा.

दोस्त ही निकला साजिशकर्ता, कर्ज बना हत्या की वजह

पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या का मुख्य साजिशकर्ता देवलाल का पुराना दोस्त ओमकार मण्डावी है, जो पेशे से ईंट भट्ठे का ठेकेदार है. देवलाल ने ओमकार से ढाई लाख रुपये का उधार लिया था और पैसे वापस करने के बजाय उसे फंसाने की धमकी दे रहा था. इससे नाराज होकर ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली.

पहले पिलाई शराब, फिर की बेरहमी से हत्या

ओमकार ने अपने भांजे महेन्द्र नेताम और उसके साथी योगेश चौरे के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. योगेश ने 5-6 लाख की सुपारी में हत्या करने की हामी भरी. 20 अप्रैल की रात देवलाल को पहले जमकर शराब पिलाई गई, फिर करवारी रोड की ओर अकेला जाते समय सागौन की लकड़ी से सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार कर दिया गया.

कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी ने खोला राज

हत्या के समय ओमकार मोबाइल पर पूरी घटना को मॉनिटर कर रहा था. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और साइबर तकनीक का सहारा लिया. इसी तकनीकी जांच के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

कबूल किया गुनाह, उजागर हुई साजिश की सच्चाई

पुलिस पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म कबूल किया. उन्होंने बताया कि लालच, बदले और कर्ज ने उन्हें ऐसा अपराधी बना दिया. यह केस न सिर्फ पुलिस की चुस्ती को दर्शाता है बल्कि मानव प्रवृत्ति में छुपे राक्षसी रूप को भी उजागर करता है.

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