Bank Privatisation: केंद्र सरकार इस समय बैंकों के प्राइवेटाइजेशन पर तेजी से काम कर रही है. इस महीने देश के एक और सरकारी बैंक का निजीकरण हो जाएगा. देशभर में बैंकों की स्थितियों को सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय की तरफ से तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं. फिलहाल सेबी ने अब सेबी ने बड़ा फैसला लिया है. SEBI ने बताया है कि प्राइवेटाइजेशन के बाद सरकार की बैंक में बची हुई हिस्सेदारी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग के तौर पर माना जाएगा. SEBI ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
15 फीसदी रह जाएंगे वोटिंग राइट्स
सेबी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, निजीकरण के बाद में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग कैटेगिरी में डालने का फैसला लिया है. इसके साथ ही सरकार के वोटिंग राइट्स भी बैंक में सिर्फ 15 फीसदी रह जाएंगे.
सरकार LIC के साथ मिलकर बेच रही हिस्सेदारी
आपको बता दें मोदी सरकार और एलआईसी साथ में मिलकर IDBI Bank में अपनी 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे. इस हिस्सेदारी में रेश्यो की बात की जाए तो सरकार का रेश्यो 30.48 फीसदी और एलआईसी की हिस्सेदारी 30.24 फीसदी रहेगी.
सरकार की सिर्फ 15 फीसदी रह जाएगी हिस्सेदारी
एलआईसी और केंद्र सरकार की इस बैंक में कुल 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है, जिसमें सें सरकार का करीब 45 फीसदी हिस्सा है. वहीं, बाकी एलआईसी का हिस्सा है. इस निजीकरण के फैसले के बाद सरकार की बैंक में सिर्फ 15 फीसदी हिस्सेदारी रह जाएगी.
खरीदारी की रेस में कौन-कौन है शामिल?
आपको बता दें इस बैंक को खरीदने के लिए कार्लाइल ग्रुप, फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स और DCB Bank काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इस खबर के बीच में बैंक के शेयरों में भी बुधवार को जोरदार तेजी देखी गई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी IDBI Bank में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोली लगा सकते हैं.