दुर्ग/ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने के लिए शिवनाथ नदी में आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ़) द्वारा जिला स्तर पर उपलब्ध समस्त बाढ़ बचाव सामग्रियों का मॉकड्रिल किया गया।

मॉकड्रिल में अतिवृष्टि के दौरान शिवनाथ नदी में ग्रामीण जन लकड़ी या छोटे-छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते समय बोट पलटी हो जाने एवं गांव में पानी भर जाने की स्थिति में किस प्रकार से जिले में उपलब्ध मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य का लाइव डेमो (मॉकड्रिल) का आयोजन किया गया। मॉकड्रिल के दौरान, एसडीआरएफ़ की टीम ने कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों का अभ्यास किया।

इनमें नदी में डूबने वाले व्यक्तियों का बचाव, तेज बहाव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना, और बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त इमारतों में फंसे लोगों को निकालना शामिल था। इस अभ्यास में आधुनिक बचाव उपकरणों और तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे टीम को वास्तविक आपदा के समय इन उपकरणों का सही और प्रभावी उपयोग करने का अनुभव प्राप्त हो सके। मॉकड्रिल के दौरान स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को भी शामिल किया गया, ताकि उन्हें आपदा के समय सही कदम उठाने और एसडीआरएफ़ की सहायता करने की जानकारी मिल सके।

जिले में शिवनाथ नदी के आस-पास के बहुत से गांव प्रभावित होते है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को घरों में उपलब्ध होने वाले सामग्रियों जैसे टीपा, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूव इत्यादि सामग्रियों का राप्ट बनाना एवं पीने वाले 1 लीटर वाटर बॉटल को ऐयर टाईट कर लाईफ जैकेट बनाकर डूबते हुये व्यक्ति को बचाया जा सकता है का डेमो एसडीआरएफ के जवान और जिले के बाढ़ बचाव दल के जवान द्वारा दिखाया गया।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला, एडीएम अरविंद एक्का, प्रशिक्षु कलेक्टर एम भार्गव, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती उर्वशा, संयुक्त कलेक्टर हरवंश सिंह मिरी, पुलिस, स्वास्थ्य, राज्य आपदा मोचन बल और नगर सेना के दल एवं ग्रामीणजन उपस्थिति थे।

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