आज 4 जुलाई से सावन माह का शुभारंभ हुआ है. आज सावन के पहले दिन त्रिपुष्कर योग और इन्द्र योग बने हैं. आज मंगलवार को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत भी है. आज के दिन मंगला गौरी व्रत, त्रिपुष्कर योग और रुद्राभिषेक के लिए शिववास का सुंदर संयोग बना है. पहले दिन आप शिव-गौरी पूजा से अपने जीवन में अपार खुशियां पा सकते हैं. पति की लंबी आयु, विवाह में देरी की समस्या, संतान सुख, अखंड सौभाग्य, सुखी दांपत्य जीवन या अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आज मां मंगला गौरी की विधिपूर्वक पूजा करें. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं मंगला गौरी के पूजा मुहूर्त, शुभ योग और सावन के पहले दिन रुद्राभिषेक समय के बारे में.
सावन 2023 का पहला दिन
पंचांग के अनुसार, आज से श्रावण मास शुरू हुआ है. आज सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 01:38 बजे तक है. सुबह 08:25 बजे तक पूर्वाषाढा नक्षत्र और उसके बाद से उत्तराषाढा नक्षत्र है.
त्रिपुष्कर योग और इन्द्र योग में मंगला गौरी व्रत
आज मंगला गौरी व्रत के दिन त्रिपुष्कर योग और इन्द्र योग बना है. आज सूर्योदय काल से लेकर सुबह 11:50 बजे तक इंद्र योग है, वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से कल सुबह 05:28 बजे तक मान्य है.
मंगला गौरी और शिव पूजा की विधि
आज प्रात: स्नान करने के बाद मंगला गौरी और शिव पूजा का संकल्प करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर भगवान शिव, माता मंगला गौरी और गणेश जी को स्थापित करें. फिर सबसे पहले गणेश जी की पंचोपचार पूजन करें. फिर भगवान शिव का गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, फूल, फल, माला, अक्षत्, धतूरा, भांग आदि से पूजन करें.
उसके बाद मां मंगला गौरी की पूजा करें. उनको सिंदूर, अक्षत्, फूल, फल, नैवेद्य, मिठाई, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. फिर उनको सुहाग की सामग्री यानि 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. पार्वती चालीसा, शिव चालीसा और मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें. ॐ गौरीशंकराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
ऐसा करने से आपको अखंड सौभाग्य प्राप्त होगा. विवाह में देरी की समस्या दूर होगी. संतानहीन दंपत्ति भी इस पूजा से संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.
मंगला गौरी पूजा मुहूर्त 2023
आज सुबह में मंगला गौरी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक है. यदि दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त की बात करें तो सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है और दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है.
मंगला गौरी व्रत के दिन रुद्राभिषेक
आज सावन के पहले दिन यानि मंगला गौरी व्रत के दिन रुद्राभिषेक का भी सुंदर संयोग बना है. रुद्राभिषेक के लिए शिववास का होना जरूरी है. ऐसे में आज शिववास मां गौरी के साथ है. आज शिववास प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है. आप आज सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के मध्य कभी भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं. यह रुद्राभिषेक का शुभ समय है.