महासमुंद- ग्राम पंचायत बागबाहराकला की सरपंच, श्रीमती प्रीति सोनवानी, को छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत कर्तव्यों में लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं दंडाधिकारी बागबाहरा, उमेश साहू द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें अगले 6 वर्षों के लिए किसी भी निर्वाचन में भाग लेने से भी निरर्हित किया गया है।
अनुपस्थिति के कारण कार्रवाई
पंचायत के अधिकारियों के रिपोर्ट के अनुसार, प्रीति सोनवानी 17 जुलाई 2024 से लगातार ग्राम पंचायत कार्यालय से अनुपस्थित रहीं। उनकी गैरमौजूदगी ने पंचायत की महत्वपूर्ण बैठकों में रुकावट पैदा की, जिसमें बैठकें 29 जुलाई, 13 अगस्त और 9 सितंबर 2024 शामिल थीं।
सूचना का अभाव
सरपंच और उनके पति बिना पूर्व सूचना के अपने बच्चों को रिश्तेदार के घर छोड़कर चले गए। इसके चलते उनके मोबाइल फोन भी बंद हो गए, जिससे उनसे संपर्क करना संभव नहीं हो पाया। उनकी अनुपस्थिति के कारण पेंशन, राशन कार्ड, आय/जाति/निवास प्रमाण पत्र और निर्माण कार्य जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य ठप हो गए।
कारण बताओ नोटिस
सरपंच प्रीति सोनवानी को उनकी अनुपस्थिति पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, उनके निवास पर भी अनुपस्थित पाए जाने के कारण ग्राम कोटवार के माध्यम से चस्पा नोटिस तामील करवाई गई। नोटिस का जवाब न देने और पक्ष प्रस्तुत न करने पर एकपक्षीय कार्यवाही की गई।
गंभीर लापरवाही का आरोप
जनपद पंचायत बागबाहरा की जांच रिपोर्ट के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं दंडाधिकारी ने यह निर्णय लिया कि सरपंच ने अपने कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही बरती है। यह छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 और नियम 1994 का उल्लंघन है। धारा 40(1) के तहत उन्हें सरपंच पद से पृथक कर दिया गया है और धारा 40(2) के तहत 6 वर्षों के लिए निर्वाचन लड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। यह कार्रवाई 24 अक्टूबर 2024 को न्यायालयीन हस्ताक्षर और मुहर के साथ जारी की गई।