नई दिल्ली (न्यूज टी 20 )। समाजवाद के सशक्त हस्ताक्षर और पुरोधा माने जाने वाले शरद यादव का 12 जनवरी की रात साढ़े 10 बजकर 19 मिनट में गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया, वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे । उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी । शरद यादव के निधन की खबर मिलते ही देशभर से तमाम विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ,आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, पप्पू यादव , मनोज तिवारी , सहित कई बड़े नेताओं ने तत्काल अपनी संवेदना प्रकट की है और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति मिले , यही कामना भी की है ।

भूपेश बघेल ने भी जताया दुख

छ ग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शरद यादव के निधन पर दुख जताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है ।

1जुलाई 1947 को होशंगाबाद मे जन्मे शरद यादव 1975 इमरजेंसी कॉल से जन्मे नेताओं में से एक थे । जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले धड़े में शामिल छात्र नेताओं में शरद यादव की अलग पहचान थी । कालांतर में वे जनता दल यूनाइटेड के संयोजक व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने । वह 7 बार लोकसभा के लिए और तीन बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए । गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों की लड़ाई में उनका अहम योगदान रहा । निर्विवाद और दबंग नेता के रूप में उनके गलत छवि थी । मध्यप्रदेश में जन्म लेने और अपनी राजनीतिक पारी शुरुआत करने के बाद हुए बिहार के होकर रह गए और मधेपुरा से वे 4 बार चुनाव लोकसभा का चुनाव भी जीते । वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लालू प्रसाद यादव को मधेपुरा से ही हराया था । तमाम राजनेताओं का मानना है कि राम मनोहर लोहिया के आदर्शों से प्रभावित शरद यादव के निधन से देश ने एक महान नेता को दिया है जिसकी भरपाई नामुमकिन है।

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