छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि बस्तर सहित अन्य क्षेत्रों स्थानीय नेता कह रहे हैं।वहीं दूसरी ओर धर्मांतरण करने वालों का विरोध भी लगातार जारी है। ग्रामीण तब और मुखर होकर सामने आ जाते हैं जब धर्म परिवर्तन करने वाले शख्स की मौत हो जाती है और अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसे ही एक मामले में दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित कौशलनार में युवक की लाश का अंतिम संस्कार करने के दौरान बवाल हो गया।
दरअसल ईसाई धर्म को मानने वालों का आरोप है कि गांव के एक युवक की मौत के बाद अंतिम संस्कार के दौरान ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। बताया जा रहा है कि ये मामला बीते 23 अगस्त का है। वहीं, अब इस मामले को लेकर ईसाई धर्म को मानने वालों ने मोर्चा खोल दिया है और मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जाने पूरा मामला : कौशलनार गांव के रहने वाले युवक फूलधर ने बताया कि मेरे साथ गांव के कुछ लोग पिछले कई सालों से ईसाई धर्म मान रहे हैं।कुछ दिन पहले इसी गांव के रहने वाले सुकालू लेकामी (55) (मसीह समाज) की किसी बीमारी के चलते मौत हो गई। जिसके बाद परिजन शव दफनाने ले गए थे। इस दौरान यहां गांव के भी कुछ ग्रामीण पहुंच गए, जिसके बाद शव दफनाने नहीं दिया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम का कहना है कि जिन्होंने धर्मांतरण किया है वे मूल धर्म में लौट आओ, नहीं तो गांवों में ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। 23 अगस्त की इस घटना के विरोध में ईसाई समाज के सदस्य सोमवार को सड़क पर उतर आए। उनके मुताबिक पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर केवल धक्का-मुक्की का केस दर्ज किया है।
छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी का कहना है कि, गांव में ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के मौलिक अधिकारों को कुचला गया है। हमें पता चला है कि गांव में कुछ बाहर के लोग घुसे थे और लोगों को भड़का रहे थे। ईसाई धर्म मानने वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया है, जिसका वीडियो भी हमारे पास है। नरेंद्र भवानी का कहना है कि सारे प्रमाण होने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ धक्का-मुक्की करने का केस बनाया है।
SDOP उन्नति ठाकुर ने कहा कि कौशलनार की घटना की जानकारी मिली है। इसकी जांच की जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।