भिलाई: सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के साथ साथ सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी बहुत सतर्क है। विगत समय में हुई दुर्घटना के आंकड़ों को देखते हुए राज्य शासन और भिलाई इस्पात संयंत्र, सड़क सुरक्षा को लेकर बहुत सजग और सतर्क है। इसके लिए चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।

संयंत्र के नगर सेवा विभाग ने सेंट्रल एवेन्यू (पं रविशंकर शुक्ल मार्ग) सहित सभी प्रमुख मार्गों में सड़क सुरक्षा को लेकर सड़क डिवाइडर का कार्य 26 जून, 2024 तक पूर्ण कर लिया है। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर तकनीकी रुप से आवश्यक कार्यों पर कार्यवाही की जा रही है।

सड़क सुरक्षा के सन्दर्भ में जनवरी 2024 से जून 2024 के बीच भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कई बैठक हो चुकी है। पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग ने कई सुझाव देते हुए संयंत्र प्रबंधन से वर्तमान व्यवस्था में कुछ बदलाव और संशोधन का अनुरोध किया था।

जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए बीएसपी प्रबंधन द्वारा आज तक की स्थिति में किये गये सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित लगभग सभी कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। इस्पात नगरी के सौंदर्य और सड़क सुरक्षा के लिए इन दिनों कई परियोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं। इन परियोजनाओं के तहत सड़कों की मरम्मत, चौकों का जीर्णोद्धार, सड़क की मरम्मत, चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण, रोड़ डिवाइडर का निर्माण, चौक चौराहों से लोहे की ग्रिल हटाना आदि शामिल है।

हाल ही में ऐसी कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिसने ना जाने किसी के परिवार की रोजी रोटी छीन ली तो किसी का वंश ही खत्म हो गया, किस ने अपनी सन्तान खोई तो किसी के बच्चे अनाथ हो गये और इन सबका जिम्मेदार कौन ? शायद आप और हम ? इसी तरह की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन और विशेष रुप से बीएसपी प्रबंधन निरंतर प्रयास कर रहा है कि इस्पात नगरी में प्राणघातक दुर्घटना न हो।

शून्य दुर्घटना का लक्ष्य हासिल किया जा सकें। प्रबंधन संयंत्र के साथ इस्पात नगरी को भी दुर्घटना रहित बनाने के लिए प्रयासरत हैं। सड़क सुरक्षा के सन्दर्भ में जिला एवं पुलिस प्रशासन ने भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग को सुझाव देते हुए पत्र लिखा। उस पत्र में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, वर्तमान व्यवस्थाओं में कुछ संशोधन करने, रोड डिवाइडर का निर्माण, चौक चौराहों में लगे लोहे की रेलिंग को हटाने, सडक निर्माण के दौरान बिछाई गई रेतों की सफाई करने आदि के सुझाव दिए थे।

इन सभी सुझावों को लेकर नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ बैठक भी हुई और त्वरित कार्यवाई करते हुए नगर सेवाएं विभाग ने सड़क सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने प्रारंभ कर दिए थे, जो अब लगभग पूर्णता की ओर है। जिसके अंतर्गत सेन्ट्रल एवेन्यू में टूटे हुए सड़क डिवाइडरों की रिपेयरिंग, सेक्टर-1 में बैंक के पास मोड को बंद करना, शहर के सौंदर्यीकरण और सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखकर डैमेज हो चुकी मुख्य सड़कों सहित सभी सड़कों की मरम्मत और रिकारपेटिंग का कार्य वृहद पैमाने पर किया जाना शामिल है।

मरम्मत और रिकारपेटिंग का कार्य के दौरान रेत और अन्य डस्ट सामग्री की विशेष रूप से सफाई भी कराई गई, ताकि फिसलने या गिरने की कोई भी परिस्थिति उत्पन्न ना हो। इसी कड़ी में संयंत्र के मेन गेट से टाउनशिप के इक्विपमेंट चौक से लेकर पं. रविशंकर शुक्ल मार्ग (सेंट्रल एवेन्यू) तक रोड डिवाइडर का निर्माण, मरम्मत व रिकारपेटिंग का कार्य किया गया है।

फॉरेस्ट एवेन्यू स्थित उतई चौक में तिराहे एवं डिवाइडर का निर्माण, सभी मुख्य चौराहों जैसे इस्पात नगरी के मुख्य चिकित्सालय के समक्ष पं. रविशंकर शुक्ल चौक, सेक्टर-8 चौक, मरोदा चौक, रेल चौक, सीईजेड चौक और 25 मिलियन टन सेक्टर-4 चौक, डीपीएस चौक के मरम्मत, अनुरक्षण, नवीनीकरण और आवश्यक संसोधन किये गये। इसमें शामिल तालपुरी स्थित पंथी चौक का निर्माण कार्य भी पूर्णता की ओर है।

सेक्टर-8 में रोटरी क्लब जैसी अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ मिलकर सेल रोटरी चौक का निर्माण किया है। इससे व्यस्ततम सड़क पर यातायात सुगम हो पाएगा एवं दुर्घटना की आशंकाएं भी कम हो जाएंगी। सड़क दुर्घटना की आशंकाओं और पूर्व के अनुभवों के आधार पर और जिला पुलिस प्रशासन के मार्गदर्शन में प्रमुख चौक के घेरे को कम किया गया है और घेरे में लगे हुए सभी लोहे की जाली को निकाल दिया गया है।

सामान्य तौर पर यह देखा जा रहा है कि बार बार रिपेयर करने के बाद भी रोड डिवाइडर के रेलिंग को अवांछित तत्वों द्वारा हटाना, तोड़ना या चोरी कर लिए जाने की घटना बार-बार हो रही है। इस सबको ध्यान में रखते हुए नगर सेवाएं विभाग ने सेंट्रल एवेन्यू सहित इस्पात नगरी की सभी व्यस्ततम सड़कों में रोड डिवाइडर लगाने का कार्य 26 जून 2024 तक पूर्ण कर लिया है। इसके साथ-साथ कुछ चौराहों का जीर्णोधार अभी जारी है। पंथी चौक का कार्य शेष है और शीघ्र ही किया जायेगा।

इन सभी परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए बीएसपी प्रबंधन सभी नागरिकों से जन सहयोग की अपील करता है। आपके साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा भी आपके हाथों में ही है। माँ-बाप अपने बच्चों को सही उम्र और लाइसेंस जारी होने के बाद ही वाहन दें। क्रैश हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग करें। वाहन गतिसीमा का ध्यान रखें एवं वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग न करें। नींद में गाड़ी ना चलाएं, गति पर नियंत्रण रखें, सिग्नल लाइट्स का ध्यान रखें, नशे में ड्राइविंग ना करें, टेक ओवर करते समय विशेष सतर्कता बरतें, इयरफोन या हेडफोन लगाकर वाहन न चलाएं और सबसे महत्वपूर्ण सभी यातायात नियमों का पालन करें।

भिलाई, इस्पात के साथ-साथ शिक्षा नगरी भी है, यहाँ दूर-दूर से बच्चे अपना भविष्य संवारने आते हैं। आज का युवा वर्ग बुद्धिमान और तेज सीखने की क्षमता है, उतनी ही तेज उनके वाहनों की गति भी है। कुछ युवा वर्ग अपने तेज गति वाहन की वजह से अपनी जान तक गवां बैठते हैं। किन्तु उन्हें इस बात का जरा भी भान तक नहीं होता कि उनकी इस लापरवाही से परिवार और समाज पर क्या असर होता है।

र्तमान समय में अधिकतर देखा गया है कि परिजन अपने बच्चों को सुविधा के नाम पर कम उम्र के बच्चे को भी हाई स्पीड इंजन के वाहन उपलब्ध करा देते हैं, बिना लाइसेंस के बच्चे गाड़ी चला रहे हैं, गलत साइड पर वाहन चला रहे हैं, सेफ्टी या ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

पर ऐसा नहीं है कि सभी लोग ऐसा करते हैं। कुछ लोग तो अपनी राइडर सेफ्टी किट पहन कर तेज गति से वाहन चलते हैं और उन्हें लगता है कि वे सुरक्षित हैं, पर सवाल ये भी है कि क्या उनके साथ सड़क पर चलने वाले या सारे नियमों को मानने वाले भी सुरक्षित हैं? तेज गति वाहन चालक स्वयं तो जोखिम उठाते ही हैं साथ ही दूसरों की जान को भी जोखिम में डालते हैं।

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