गोल्‍ड लोन (Gold Loan) को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब सख्‍ती करनी शुरू कर दी है. खासकर, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) पर केंद्रीय बैंक ने निगरानी कुछ ज्‍यादा ही बढ़ा दी है. आरबीआई चाहता है कि एनबीएफसी गोल्‍ड लोन देते समय बैंक द्वारा बनाए सभी नियमों का कड़ाई से पालन करें. नियमों के उल्‍लंघन पर मार्च में आरबीआइ ने आईआईएफएल फाइनेंस को नए गोल्‍ड लोन जारी करने से रोक दिया था. आरबीआई की सख्‍ती से गोल्‍ड लोन मिलने में आम आदमी को थोड़ी परेशानी हो सकती है और साथ ही इससे एनबीएफसीज के कारोबार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि एनबीएफसीज गोल्‍ड लोन देने में नियमों का उल्‍लंघन कर रही हैं. आरबीआई के नियमों के अनुसार, गिरवी रखे गए गहनों की कुल कीमत का केवल 75 फीसदी ही लोन के रूप में दिया जा सकता है. लेकिन, बहुत सी गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां निर्धारित सीमा से ज्‍यादा लोन राशि ग्राहक को दे रही हैं. साथ ही लोन राशि ग्राहक के बैंक अकाउंट में न डालकर नकदी में दे रही है. आरबीआई ने अब एनबीएफसीज को कहा है कि वे 20,000 रुपये से ज्‍यादा लोन राशि ऋण लेने वाले के बैंक खाते में ही डालेगी.

क्‍या होगा सख्‍ती का असर?

भारतीय रिजर्व बैंक की इस सख्‍ती का काफी नकारात्‍मक असर गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों के गोल्‍ड लोन पोर्टफोलियो पर होगा. एनबीएफसीज द्वारा तुरंत नकदी में लोन देने की वजह से गोल्‍ड लोन बिजनेस बढ़ रहा था. इस पर रोक लगने से एनबीएफसीज का गोल्‍ड लोन आकर्षक नहीं रह जाएगा. दूसरा, बैंकों के मुकाबले एनबीएफसी सोने पर ज्‍यादा लोन राशि दे रही हैं. आरबीआई की सख्‍ती से अब वे केवल सोने के मूल्‍य का केवल 75 फीसदी ही लोन दे पाएंगी. इससे भी गोल्‍ड लोन कारोबार पर असर होगा.

गोल्‍ड लोन लेने वाले ग्राहक पर भी प्रभाव होगा. सोने के आभूषणों पर अब उसे पहले के मुकाबले कम लोन मिलेगा. इसके अलावा गोल्‍ड लोन पर आरबीआई की सख्‍ती के चलते उसे ज्‍यादा कागजी कार्रवाई भी करनी होगी. इससे लोन मिलने में पहले के मुकाबले ज्‍यादा देर लगने की भी आशंका है.

चार गुना बढ़ गया गोल्‍ड लोन बिजनेस

कोरोना महामारी के बाद एनबीएफसीज का गोल्‍ड लोन बिजनेस में खूब उछाल आया है और यह करीब चार गुना तक बढ़ गया है. कोरोना के दौरान आरबीआई ने एनबीएफसीज को गोल्‍ड लोन देने में कुछ छूट दी थी. उस वक्‍त एनबीएफसी गिरवी रखे सोने के कुल मूल्‍य का 90 फीसदी तक लोन दे सकती थी. वित्‍त वर्ष 2020 में एनबीएफसीज का गोल्‍ड लोन बिजनेस 35,000 करोड़ रुपये था. वित्‍त वर्ष 2023 में यह बढ़कर 1,31,000 करोड़ रुपये हो गया.

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