Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से बैंकों को लेकर समय-समय पर कई बड़े फैसले लिए जाते हैं. अब आरबीआई ने सेंट्रल बैंक (Central Bank of India) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) पर धोखाधड़ी वर्गीकरण और उसकी सूचना देने से संबंधित मानदंडों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर 84.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
रिपोर्ट में हुआ खुलासा –
रिजर्व बैंक ने बैंक की 31 मार्च, 2021 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में उसके पर्यवेक्षण संबंधी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण किया था. रिपोर्ट की जांच से पता चला कि बैंक ने कर्जदाताओं के साझा मंच (JFL) के खातों को धोखाधड़ी घोषित करने के निर्णय के सात दिनों के भीतर आरबीआई को धोखाधड़ी को लेकर रिपोर्ट नहीं किया था. बैंक ने अपने ग्राहकों से एसएमएस अलर्ट का शुल्क वास्तविक उपयोग के आधार के बजाय समान आधार पर लिया था.
पहले भी बैंक लगा चुका है कई बैंकों पर पेनाल्टी –
आरबीआई (RBI) की तरफ से 31 मार्च को खत्म वित्तीय वर्ष 2022-23 में आठ को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. नियमों का पालन नहीं करने पर इन बैंकों पर रिजर्व बैंक ने 114 बार पेनाल्टी भी लगाई है. आपको बता दें को-ऑपरेटिव बैंकों के जरिये ग्रामीण इलाकों में तेजी से बैंकिंग सर्विस का विस्तार हुआ है. लेकिन इन बैंकों में सामने आ रही अनियमितताओं के चलते आरबीआई को कठोर कदम उठाना पड़ा है.
इन बैंकों के लाइनसेंस हुए रद्द –
1. मुधोल को-ऑपरेटिव बैंक
2. मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक
3. श्री आनंद को-ऑपरेटिव बैंक
4. रुपी को-ऑपरेटिव बैंक
5. डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक
6. लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक
7. सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक
8. बाबाजी दाते महिला अर्बन बैंक