Retail Inflation Rate Forecast: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है. इसके साथ ही रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गया है. आरबीआई की तरफ से करोड़ों बैंक ग्राहकों को नए साल में यह पहली बार झटका दिया गया है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा करते हुए बताया कि छह सदस्यों में से चार ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया.
यह सुनाई खुशखबरी!
ब्याज दर बढ़ाने के साथ ही शक्तिकांत दास ने दूसरी तरफ एक खुशखबरी भी दी है. यह राहत भरी खबर महंगाई को लेकर है. आरबीआई की तरफ से खुदरा महंगाई (Retail Inflation) चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. इससे पहले दिसंबर में महंगाई दर के 6.7 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताई गई थी. महंगाई में नरमी आने का फायदा करोड़ों देशवासियों को मिलेगा.
इकोनॉमिक ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
इस दौरानल शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कमजोर वैश्विक मांग, मौजूदा आर्थिक माहौल घरेलू वृद्धि को प्रभावित कर सकता है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में इकोनॉमिक ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है.
रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत का इजाफा किया
अगले वित्तीय वर्ष में जीडीपी (GDP) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. आरबीआई ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है.