भिलाई [न्यूज़ टी 20] मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में कमी को लेकर फेडरल बैंक पर 5.72 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया पर 70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में इसकी सूचना दी. बयान में कहा गया है कि आरबीआई ने अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों के कुछ प्रावधानों और ‘नियामकीय अनुपालन के मामले’ में निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बैंक ऑफ इंडिया पर 70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
क अलग बयान में आरबीआई ने फेडरल बैंक के बारे में कहा, ‘बैंक यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा ब्रोकिंग/कॉरपोरेट एजेंसी सेवाओं में लगे उसके कर्मचारियों को कोई प्रोत्साहन (नकद या गैर-नकद) दिया गया या नहीं. आरबीआई ने 31 मार्च, 2020 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निगरानी संबंधी मूल्यांकन (आईएसई) के लिए वैधानिक निरीक्षण किया था.
आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा कि केवाईसी मानदंडों का पालन न करने के लिए गुरुग्राम स्थित धानी लोन्स एंड सर्विसेज लिमिटेड पर भी 7.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को ही नयी दिल्ली स्थित रामगढ़िया सहकारी बैंक पर बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए प्रति जमाकर्ता 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय करने समेत कई प्रतिबंध लगाए.
आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत निर्देश जारी करते हुए एक बयान में कहा कि सहकारी बैंक पर शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद प्रतिबंध लागू किया गया है और यह अगले छह महीने तक लागू रहेगा. बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व मंजूरी के बिना कोई ऋण प्रदान या नवीनीकृत नहीं कर सकता.
न ही कोई निवेश कर सकता है और न ही नई जमा राशि स्वीकार कर सकता है. आरबीआई ने कहा, ‘विशेष रूप से सभी बचत बैंक, चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल जमा राशि में से 50,000 रुपये से अधिक निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक पाबंदियों के साथ संबंधित कामकाज जारी रखेगा.