भिलाई [न्यूज़ टी 20] RBI Cancelled Co-operative Bank License: आजकल सभी के एकाउंट्स किसी न किसी बैंक में होते ही है. ऐसे में बैंक ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक  ने एक बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक को-ऑपरेटिव बैंक पर सख्त कार्रवाई करते हुए उसके लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया है.

आरबीआई ने क्यों लिया ये फैसला?

आरबीआई ने कर्नाटक के डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि बैंक के पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा था. इतना ही नहीं, बैंक की आर्थिक हालत भी बेहद खराब थी और उसके पास बैंक डिपॉजिटर्स को पैसे वापस करने के लिए कैपिटल की कमी थी.

ऐसे में आरबीआई को यह सख्ती दिखानी पड़ी. अब सवाल है कि बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद से ग्राहक अपना पैसा निकाल पाएंगे या नहीं? तो आपको बता दें कि ग्राहक अब अपने खाते से पैसे निकाल पाएंगे न ही उसे पैसे जमा कर पाएंगे. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम,

1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों को न फॉलो करने के कारण कि है. इसके अलावा बैंकिंग विनियमन अधिनियम 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) का पालन करने में विफल रहने के कारन भी बैंक पर कार्रवाई कि गई है.

ग्राहकों को मिलेगा इंश्योरेंस लाभ

हालांकि ग्राहकों को घबराने कि जरूरत नहीं है. जिन ग्राहकों का पैसा डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जमा है उन्हें 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है. यह इंश्योरेंस डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) इंश्योरेंस स्कीम के द्वारा दी जा रही है.

दरअसल, DICGC एक रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी जो को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें किसी खाताधारक के 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर DICGC उसे पूरा इंश्योरेंस क्लेम देता है.

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