बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश पर आज शुक्रवार को 16 साल की रेप पीड़िता का एबॉर्शन कराया जाएगा. साथ ही, भ्रूण को सुरक्षित रखा जाएगा और डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिससे आरोपी की पहचान में मदद मिल सके और उसे सजा दिलाई जा सके. मामला खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले का है। दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा की सोशल मीडिया के माध्यम से मध्यप्रदेश के बालाघाट निवासी खेम सिंह साहू से दोस्ती हुई थी। दोस्ती आगे बढ़ी तो दोनों ने नंबर एक्सचेंज कर लिए और दोनों मोबाइल पर बात करने लगे। खेम सिंह साहू छात्रा के गांव पहुंचा और शादी करने का झांसा देकर उसे भगा ले गया। लड़की के गायब होने से परेशान घरवालों ने इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई। इस दौरान पुलिस ने तलाश कर लड़की को बरामद कर लिया और उसे भगाने वाले खेम सिंह साहू को बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के मामले में अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया। हालांकि इस बीच नाबालिग छात्रा गर्भवती हो गई थी।
छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 व नियम 9 के तहत अपनी बेटी का एबॉर्शन करवाने के अनुमति मांगी। प्रकरण की सुनवाई समर वेकेशन से पहले जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में हुई थी। इसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता समीर सिंह और रितेश वर्मा ने तर्क प्रस्तुत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और पीड़िता के बेहतर जीवन जीने के लिए एबॉर्शन करवाने की अनुमति मांगी। इस पर अदालत ने अविभाजित राजनांदगांव जिले के सीएमएचओ से इसकी रिपोर्ट मांगी थी।
सीएमएचओ ने मेडिकल बोर्ड द्वारा छात्रा की जांच करवा रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपा। इसमें बताया कि 25 सप्ताह तक के गर्भवती रहने के दौरान बिना किसी खतरे के एबॉर्शन करवाया जा सकता है। इससे गर्भवती की जान को कोई खतरा नहीं होगा। सोमवार को मामले की सुनवाई समर वेकेशन कोर्ट के जज जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की अदालत में हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर गर्भपात की अनुमति मांगी। तर्कों को सुनने के पश्चात अदालत ने आज दो जून को छात्रा का अबॉर्शन कराने के आदेश सीएमएचओ राजनांदगांव को देते हुए भ्रूण को डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित करवाने का आदेश दिया है, ताकि आरोपी को सजा दी जा सके।