.कृषि विश्वविद्यालय में समन्वित कृषि प्रणाली पर तीन दिवसीय अखिल भारतीय वार्षिक समूह बैठक प्रारंभ
.समन्वित कृषि प्रणाली के विभिन्न मॉडलों, संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विचार मंथन होगा
रायपुर|News T20: बेहतरीन मॉडल है। इस प्रणाली के तहत किसान के पास उपलब्ध समस्त संसाधनों – मानव संसाधन, पशु संसाधन, यंत्र एवं उपकरण, बीज, खाद, उर्वरक, सिंचाई जल आदि का समुचित उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को और अधिक सफल बनाने के लिए इसमें कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले नवाचारों एवं आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स आदि का भी उपयोग किया जाना चाहिए। डॉ. चंदेल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसलों एवं उनके उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा। उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान कार्याें के बारे में भी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में डॉ. एन. रविशंकर, परियोजना समन्वयक, अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परियोजना (समन्वित कृषि प्रणाली), डॉ. सुनील कुमार, निदेशक, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, डॉ. पी.के. घोष, निदेशक, राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर तथा डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, संचालक अनुसंधान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के दौरान समन्वित कृषि प्रणाली के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले दो किसानों श्री नरसिंह राठौर, पिपरहटा, आरंग तथा श्री निरंजन जांगडे, परसदा, आरंग को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समन्वित कृषि प्रणाली अनुसंधान परियोजना के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाले कृषि वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर प्रकाशित विभिन्न प्रकाशनों, वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख सस्य वैज्ञानिक एवं कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. आदिकांत प्रधान ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।