
महज तीन महीने में आया फैसला
रायपुर कोर्ट ने बहुचर्चित यश शर्मा हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों—तुषार पाहुजा, यश खेमानी, चिराग पंजवानी और तुषार पंजवानी—को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा दी है।
सुनवाई महज 3 महीने में पूरी हुई, जिसके बाद कोर्ट में फैसला सुनते ही आरोपियों ने हंगामा किया।
घटना का पूरा विवरण
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तारीख: 13 अक्टूबर 2024
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स्थान: रायपुर
उस दिन आरोपियों ने यश शर्मा को एक पार्टी के बहाने अपने पास बुलाया। विवाद एक युवती के नाम को लेकर शुरू हुआ।
इसके बाद आरोपियों ने यश को मिनिरियलस कैफे के पास सुनसान जगह ले जाकर बेरहमी से पीटा। फिर उसे VIP रोड स्थित सगुन फार्म हाउस में दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा और जबरन शराब पिलाई।

अस्पताल में तीन महीने तक चला इलाज
15 अक्टूबर को आरोपियों ने यश को अधमरी हालत में उसके घर के पास छोड़कर फरार हो गए। परिजनों ने तुरंत एम्स अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन लगातार 3 महीने इलाज के बाद यश की मौत हो गई।
जांच और गिरफ्तारी
परिजनों की शिकायत पर तेलीबांधा पुलिस ने मामला दर्ज कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोप लगा कि केस वापस लेने के लिए परिवार को पैसों का लालच भी दिया गया था।
28 गवाहों के बयान पर आधारित सजा
अदालत ने 28 गवाहों के बयान और पुख्ता सबूतों के आधार पर चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला छत्तीसगढ़ में तेज और प्रभावी सुनवाई का एक उदाहरण माना जा रहा है।
