
ड्रग तस्करी मामले में कोर्ट ने सुनाया कड़ा फैसला
रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सामने आए गांजा तस्करी के हाई-प्रोफाइल मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए पांच आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
इन पांच दोषियों में दो महिलाएं भी शामिल
दोषी ठहराए गए आरोपियों के नाम हैं:
प्रखर मारवा, मोहम्मद ओवेश, अभय कुमार मिर्चे, प्रिय स्वर्णकार और नेहा भगत।
विशेष बात यह है कि प्रिय स्वर्णकार और नेहा भगत – दो युवतियां – इस तस्करी नेटवर्क की सक्रिय सदस्य थीं।

2021 में हुआ था बड़ा खुलासा, पुलिस ने मारी थी छापेमारी
यह मामला 2021 में उजागर हुआ था जब रायपुर पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर शहर के कई हिस्सों में छापेमारी की गई थी। पुलिस ने न केवल गांजा और नकदी, बल्कि मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए थे।
जांच में सामने आया कि ये आरोपी सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के जरिए युवाओं को नशे की दलदल में धकेल रहे थे और पूरे रायपुर व आसपास के जिलों में ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे।
कोर्ट ने कहा: “नरमी देना भविष्य के लिए खतरनाक संकेत”
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि –
“नशीले पदार्थों का व्यापार समाज की जड़ों को खोखला करता है। युवाओं को इस दलदल में धकेलना एक सामाजिक अपराध है। ऐसे मामलों में कोई भी रियायत समाज के लिए गलत संदेश बन सकती है।“
न्यायालय ने पुलिस और साइबर टीम की डिजिटल निगरानी व इलेक्ट्रॉनिक सबूत एकत्र करने की प्रशंसा की। अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य के साथ अदालत को विश्वास दिलाया कि आरोपियों की संलिप्तता संदेह से परे है।
समाज ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
अभिभावक संघों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने कोर्ट के इस फैसले का खुलकर समर्थन किया। लोगों का कहना है कि इस तरह की कठोर सजा से ड्रग तस्करी जैसे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी और युवा पीढ़ी को भी चेतावनी मिलेगी।
