रायपुर बना देश का नकली सामान हब: विदेशी गिरोह सक्रिय, आम जनता स्वास्थ्य जोखिम में...

नकली उत्पादों का गढ़ बना रायपुर

रायपुर और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में नकली सामानों का कारोबार तेजी से फैल रहा है। नकली उत्पाद बेचने वाले गिरोहों ने राजधानी को अपनी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बना लिया है। खास बात यह है कि इस नेटवर्क में अवैध विदेशी नागरिकों की भूमिका सबसे अधिक देखी जा रही है।

राजनीतिक संरक्षण से बढ़ रहा नकली बाजार

सूत्रों के अनुसार, कई छुटभैया नेता और राजनीतिक दलों से जुड़े प्रभावशाली लोग इन नकली उत्पाद कारोबारियों को संरक्षण दे रहे हैं। इसी वजह से यह पूरा रैकेट बिना रोकटोक के फल-फूल रहा है।

खाद्य पदार्थों से लेकर कॉस्मेटिक तक—सब कुछ नकली

रायपुर के बाजारों में लगभग हर तरह का नकली सामान धड़ल्ले से बिक रहा है—

  • खाने-पीने के उत्पाद (पनीर, खोया, चायपत्ती, तेल, मसाले)

  • ड्राईफ्रूट (काजू, बादाम)

  • कॉस्मेटिक

  • कपड़े और फैब्रिक

  • इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिक आइटम

सबसे खतरनाक बात यह है कि बड़े ब्रांड के नकली कॉस्मेटिक पर प्रिंट बदलकर एक्सपायरी माल भी बेचा जा रहा है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

छत्तीसगढ़ में करोड़ों की GST चोरी

दिल्ली से आने वाले नकली प्रोडक्ट की सप्लाई के जरिए राज्य में हर महीने करोड़ों की GST चोरी हो रही है। कई दुकानदार जानबूझकर नकली वस्तुएं बेच रहे हैं, क्योंकि इसमें उन्हें मोटा मुनाफा मिलता है।

नकली उत्पादों से गंभीर स्वास्थ्य खतरा

नकली खाद्य और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के सेवन से—

  • स्किन कैंसर

  • फूड पॉयजनिंग

  • लीवर, किडनी डैमेज

  • हार्ट अटैक

  • ब्लड प्रेशर

  • गैस, एसिडिटी, पीलिया
    जैसी गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं।
    डॉक्टर भी चेतावनी दे चुके हैं कि नकली फूड प्रोडक्ट आज बीमारियों की सबसे बड़ी जड़ बन चुके हैं

कंपनियों की शिकायत पर ही होती है कार्रवाई

राज्य में नकली उत्पादों पर कार्रवाई तभी होती है जब किसी नामी कंपनी का प्रतिनिधि शिकायत दर्ज करता है।
यदि कोई शिकायत नहीं करता तो—

  • कार्रवाई नहीं होती

  • बाजार में नकली सामान बेचा जाता रहता है

  • उपभोक्ता ठगे जाते हैं

इससे साफ है कि सरकारी विभागों की सतर्कता बेहद कमजोर है

नकली प्रोडक्ट से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान

एक रिपोर्ट के मुताबिक—

  • पिछले साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान

  • नकली प्रोडक्ट मामलों में 30% की वृद्धि

  • महामारी के दौरान नकली सामानों की सप्लाई बढ़ी
    सबसे प्रभावित सेक्टर—
    मुद्रा, एफएमसीजी, शराब, फार्मा, कृषि, लाइफस्टाइल, कपड़ा, तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स।

रायपुर में व्यापक सप्लाई चैन सक्रिय

नकली उत्पादों की फैक्ट्रियां रायपुर के आसपास—

  • तिल्दा-नेवरा

  • भाटापारा

  • दुर्ग-भिलाई

  • चकरभाटा

  • बिलासपुर

  • चांपा

  • धमतरी

इन क्षेत्रों में कुटीर उद्योग की तरह नकली सामान तैयार होकर पूरे राज्य में सप्लाई किया जा रहा है।

फूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग की बड़ी लापरवाही

नियमित जांच नहीं होने से मार्केट में नकली प्रोडक्ट्स की भरमार है। शिकायत के बाद औपचारिकता निभाई जाती है, लेकिन—

  • कोई नियमित निरीक्षण नहीं

  • पुलिस के पास अलग विंग नहीं

  • राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई नहीं

नकली दवाइयों का बढ़ा कारोबार

राजधानी के अस्पतालों के आसपास प्रतिबंधित और नकली दवाएं खुले तौर पर बेची जा रही हैं।

  • बिना प्रिस्क्रिप्शन

  • बिना बिल

  • बिना गुणवत्ता जांच

यह सीधा-सीधा आम नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

कई बार रिपोर्ट और कार्रवाई के बावजूद नकली बाजार पर रोक नहीं लग रही। प्रशासन की उदासीनता और राजनीतिक संरक्षण के चलते रायपुर देश का नकली बाजार हब बनता जा रहा है।

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