झारखंड में बीजेपी विधायक दल के नेता और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत की मौजूदा सरकार की आलोचना करते हुए लोकतंत्र को खतरा बताने वाले राहुल गांधी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह तख्तापलट की साजिश के लिए विदेशी मदद लेने जैसा है। बाबूलाल मरांडी ने राहुल गांधी पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए भी तीखा हमला बोला है। अभी, कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर आलोचना की

बाबूलाल मरांडी ने ऑफिशियल ट्विटर पर लिखा कि “राहुल गांधी ने ब्रिटेन के संसद से भारत में लोकतंत्र बचाने की गुहार लगाई है। भारत के विपक्ष का सबसे बड़ा नेता खुलेआम दूसरे देश से अपने देश(भारत) की सत्ता बदलने का अपील कर रहा है ? क्या ये तख्तापलट साज़िश के लिए विदेशी मदद लेने जैसा नहीं है?” बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा कि  “माँ-बाप की दुहाई देकर अयोग्य, नालायक उत्तराधिकारियों की वोट लेने की वंशवादी राजनीति के नाम पर लूटपाट कुछ दिनों तक चल सकती है, हमेशा के लिये नहीं। समय बदल रहा है, लोग समझ रहे हैं।”

राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दिया भाषण

गौरतलब है कि राहुल गांधी अभी ब्रिटेन के दौरे पर हैं। इस दौरान राहुल गांधी कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए और व्याख्यान दिया। राहुल गांधी ने भारत की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में हैं। उन्होंने बीबीसी दफ्तर में आईटी की छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार ने मीडिया को कंट्रोल कर लिया है। पत्रकारों को सच बोलने और लिखने से रोका जा रहा है। हालांकि, राहुल गांधी के उक्त बयान पर भारत में सत्तापक्ष द्वारा तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।

बीजेपी नेताओं ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी सहित कई अन्य नेताओं ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी टिप्पणी की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी, देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों में जाकर कहते हैं कि भारत में आजादी के बाद 70 वर्षों में कुछ नहीं होता तो क्या यह राष्ट्र का अपमान नहीं है।

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