रूस का स्पष्ट बयान — “कोई परमाणु परीक्षण नहीं होगा”
मॉस्को: रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
क्रेमलिन ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किसी भी तरह के परमाणु परीक्षण का आदेश नहीं दिया है और रूस परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ‘रशियन टीवी’ से कहा —
“पुतिन ने कई बार दोहराया है कि रूस अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा। हम कोई परमाणु परीक्षण नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन अगर कोई अन्य देश ऐसा करता है, तो हमें संतुलन बनाए रखने के लिए जवाब देना होगा।”
🔸 अमेरिका अगर परीक्षण करेगा तो रूस देगा जवाब
पेस्कोव ने कहा कि अगर वाशिंगटन वास्तव में परमाणु परीक्षण शुरू करता है, तो रूस को जवाबी कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा —
“परमाणु संतुलन (Nuclear Parity) आज की वैश्विक सुरक्षा प्रणाली का सबसे अहम हिस्सा है। अगर यह संतुलन बिगड़ा, तो दुनिया गंभीर खतरे में पड़ सकती है।”
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर क्या दावा किया था?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 अक्टूबर 2025 को ‘ट्रुथ सोशल’ पर दावा किया था कि उन्होंने अमेरिकी रक्षा विभाग (War Department) को परमाणु परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है।
ट्रंप ने आरोप लगाया था कि रूस और चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, और अमेरिका को “समान स्तर पर” आने के लिए अपनी नीति बदलनी चाहिए।
विशेषज्ञों ने कहा — “ट्रंप का दावा गलत है”
रूस द्वारा हाल में किए गए कुछ हथियार परीक्षणों के बाद ट्रंप का बयान सामने आया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप के दावों में कोई ठोस सबूत नहीं है।
30 अक्टूबर 2025 को ट्रंप ने कहा था कि —
“अमेरिका के पास दुनिया में सबसे शक्तिशाली परमाणु शस्त्रागार है, लेकिन रूस और चीन बराबरी पर परीक्षण कर रहे हैं।”
उन्होंने यहां तक दावा किया कि वैश्विक निगरानी प्रणाली (International Monitoring System) इन परीक्षणों का पता लगाने में नाकाम रही।
हालांकि 3 नवंबर को CBS इंटरव्यू में विशेषज्ञों ने दोहराया कि रूस ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया और ट्रंप के बयान केवल राजनीतिक उद्देश्य से दिए गए हैं।
रूस की नीति अब भी शांति-आधारित
क्रेमलिन का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि रूस परमाणु हथियारों के नियंत्रण और संतुलन के लिए प्रतिबद्ध है।
पुतिन सरकार का कहना है कि वैश्विक स्थिरता बनाए रखने के लिए “परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि” (CTBT) का पालन आवश्यक है।