
रायपुर – छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा आयोजित PSC 2021 परीक्षा से जुड़े बहुचर्चित भर्ती घोटाले में बड़ी खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले में 40 निर्दोष अभ्यर्थियों को 60 दिनों के भीतर नियुक्ति देने का आदेश दिया है। ये अभ्यर्थी डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों के लिए चयनित हुए थे।
हाईकोर्ट का सख्त आदेश – जिनके खिलाफ सबूत नहीं, उन्हें नौकरी दें
जिनके खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं, उन्हें 60 दिन में नियुक्ति दें

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे उम्मीदवारों के साथ अन्याय न हो, जिनके खिलाफ CBI ने न तो चार्जशीट दाखिल की है और न ही कोई ठोस प्रमाण मिले हैं। अदालत ने कहा कि इन 40 चयनित अभ्यर्थियों को अब और इंतजार नहीं करवाया जा सकता।
CBI जांच का निष्कर्ष – सिर्फ 4 अभ्यर्थियों के खिलाफ पुख्ता सबूत
44 में से 4 दोषी, बाकी 40 को नहीं मिला कोई दोष
CBI जांच में यह स्पष्ट हुआ कि 44 चयनित उम्मीदवारों में से केवल 4 ही भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के दोषी पाए गए हैं। इन चारों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई और उन्हें जेल भी भेजा गया है। बाकी 40 उम्मीदवारों ने खुद को निर्दोष साबित करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं की प्रभावशाली पैरवी
कोर्ट में पेश हुए राजीव श्रीवास्तव, मनोज शर्मा और शर्मिला सिंघवी
याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई चार्जशीट या सबूत नहीं है। हाई कोर्ट ने सभी तथ्यों की समीक्षा करते हुए नियुक्ति का आदेश पारित किया।
PSC 2021 भर्ती घोटाले की पृष्ठभूमि
भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
2021 में हुई CGPSC परीक्षा के बाद कई उम्मीदवारों पर चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगा था। यह मामला हाईप्रोफाइल बन गया और अंततः जांच CBI को सौंपी गई। जांच के बाद सिर्फ 4 दोषी पाए गए जबकि 40 अभ्यर्थियों को कोई दोषी नहीं ठहरा सका।
