रायपुर / राज्य के मिलेट उत्पादक क्षेत्रों के चयनित रूरल इंडस्ट्रियल पार्काें में प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जाएगी। स्कूलों में चलाए जा रहे मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिए जा रहे गरम भोजन में भी मिलेट से तैयार खाद्य पदार्थ शामिल होंगे। इसके अलावा सुरक्षा बलों के कैम्प-प्रशिक्षण केन्द्र आदि में मिलेट के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य में मिलेट्स फसलों (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार) के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में मिलेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा है कि मोटे अनाजों के उत्पादन बढ़ाने के लिए पंजीकृत किसानों की समिति स्तर पर बैठक की जाए और शासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही ऋण सहित अन्य सुविधाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी जाए।
राज्य के जिन स्थानों पर मिलेट फसलों का उत्पादन संतोषजनक है वहां के चयनित ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा)-गौठान में इन अनाजों के प्रसंस्करण इकाई की भी स्थापना करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मिलेट्स अनाजों को मध्यान्ह भोजन योजना, आंगनबाड़ियों में गरम भोजन, आश्रम छात्रावास, सुरक्षा बलों के कैम्प-प्रशिक्षण केन्द्र सहित अन्य स्थानों पर इसके उपयोग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स अनाजांे की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स मिशन के माध्यम से प्रभावी कार्य प्रारंभ कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रति क्विंटल कोदो के लिए तीन हजार रूपए और कुटकी के लिए 3100 रूपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
रागी की खरीदी भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 3578 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से की जाएगी। आगामी पांच वर्षों में मिलेट फसलों के उत्पादन के रकबे में एक लाख हेक्टेयर की बढोत्तरी का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2021-22 में 52 हजार 728 क्विंटल मिलेट की खरीदी राज्य शासन द्वारा की गई है। इस वर्ष राज्य में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी फसलों की खरीदी 15 दिसम्बर से लघु वनोपज संघ के 850 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से की जाएगी।
राज्य में मिलेट्स फसलों के लिए रकबा एवं उत्पादन में वृद्धि के लिए मिलेट्स मिशन योजना का संचालन किया जा रहा है। मिशन के माध्यम से आगामी पांच वर्षों में मिलेट्स फसलों के रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोत्तरी के कार्य किए जाएंगे। मिलेट्स फसलों के प्रसंस्करण मूल्य संवर्धन एवं विपणन की दिशा में प्रभावी कार्य किया जाएगा। मिलेट्स अनाजों के उपयोग को दैनिक आहार में शामिल करके कुपोषण के प्रभावी नियंत्रण की दिशा में कार्य किए जाएंगे। साथ कृषकों के आय में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में पीसीसीएफ संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव वन एवं गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, सचिव सामान्य प्रशासन डी.डी.सिंह, सचिव कृषि डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस.भारतीदासन, सचिव खाद्य टोपेश्वर वर्मा, संचालक कृषि अयाज तम्बोली, ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक अवनिश शरण, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री दिव्या उमेश मिश्रा सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।